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महानदी स्थित समोदा बैराज को खाली रखे जाने पर प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल:बृजमोहन

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रायपुर 26 मार्च (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने महासमुंद और रायपुर ज़िले की सीमा रेखा पर प्रवाहित महानदी पर स्थित समोदा बैराज को खाली रखे जाने पर प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है। अग्रवाल ने कहा कि समोदा बैराज को खाली रखे जाने पर महानदी के दोनों तरफ के करीब 40 गांवों के किसान और आम लोग परेशान हैं, बैराज के सूखने से भू-जल स्तर में भारी गिरावट आई है, सैकड़ों बोर निष्क्रिय हो गए हैं, सैकड़ों एकड़ खेतों की रबी फसल सूखने के कग़ार पर है, नलकूप भी ठप हो रहे हैं। अनेक निस्तारी तालाबों में बूंद भर पानी नहीं बचा है। वहीं दूसरी ओर रेत माफियाओं की मौज हो गई है । उन रेत घाटों से धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है।
भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार को यह साफ़ करना चाहिए कि जब बैराज में कहीं कोई काम नहीं चल रहा है और न ही कोई बड़ा कार्य प्रस्तावित है, तो बैराज को खाली रखने की जरूरत क्यों आ पड़ी? अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष उक्त बैराज में पानी भरने ही नहीं दिया गया और जो पानी भरा था उसे भी करीब डेढ़ महीने पहले छोड़ दिया गया। समोदा बैराज के खाली होने का फायदा केवल रेत माफियाओं को मिल रहा है।
महानदी पर बने निसदा और समोदा बैराज में होने वाले विपुल जलभराव के कारण नदी के दोनों किनारों के करीब 60 गांवों में भीषण गर्मी के दिनों में भी ट्यूबवेल भरपूर पानी देते रहे हैं। लेकिन इस बार स्थिति उलट हो गई है। समोदा बैराज जो गर्मी में भी लबालब भरा रहता था आज उसका पानी तलहटी में सिमट गया है। क्योंकि इस बार बैराज के गेटों को लगातार खुला रखा गया और पानी को नदी में बह जाने दिया गया।

भाजपा विधायक अग्रवाल ने बैराज के खाली होने से भू-जल स्तर में अचानक आई गिरावट को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इसके चलते सैकड़ों ट्यूबवेल या बंद हो गए हैं या फिर कभी भी बंद हो सकते हैं। अछोला, अछोली, गढ़सिवनी, बोरिंग, जोबा, नयापारा, अछरीडीह, बड़गांव, बिरकोनी, घोड़ारी, खट्टी, कांपा, बेलटुकरी आदि गांवों के किसानों की रबी सीजन की खेती ट्यूबवेलों के भरोसे ही हो पाती है।। गांवों के तालाब भी सूख गए हैं, जिससे निस्तारी का संकट भी छाने लगा है।

अग्रवाल ने कहा कि समोदा बैराज में उसकी क्षमता के अनुरूप 16 फीट तक जलभराव होता था, तब बैराज से बड़गांव, बरबसपुर, पारागांव रेत घाट तक नदी में पानी भरा होता था। अबकी बार बैराज खाली और नदी सूखी है, तो रेत की लूट मची है।