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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से जो बाइडेन बाहर, कमला हैरिस का राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ

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नई दिल्ली, 22 जुलाई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (81) ने इस साल 5 नवंबर को होने वाले प्रेसिडेंशियल इलेक्शन की रेस से खुद को बाहर कर लिया है। उन्होंने कल एक बयान जारी कर अपनी सेहत और उम्र का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया। इस घोषणा के साथ ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया है।

जो बाइडेन का बयान

जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा, “मुझे गर्व है कि मैंने पिछले चार वर्षों में अमेरिका की सेवा की है, लेकिन अब समय आ गया है कि मैं इस जिम्मेदारी को किसी और के हाथों में सौंप दूं। मेरी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लूंगा।”

कमला हैरिस की संभावनाएं

जो बाइडेन के इस निर्णय के बाद, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कमला हैरिस भारतीय मूल की पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं और अगर वे राष्ट्रपति बनती हैं, तो वे अमेरिकी इतिहास में भारतीय मूल की पहली राष्ट्रपति होंगी।

कमला हैरिस का भारतीय कनेक्शन

कमला हैरिस का भारतीय कनेक्शन भी बहुत खास है। उनकी मां, श्यामला गोपालन हैरिस, चेन्नई से थीं और एक कैंसर शोधकर्ता थीं। कमला हैरिस ने अपने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को हमेशा गर्व से अपनाया है और भारतीय समुदाय के बीच वे एक लोकप्रिय और प्रभावशाली व्यक्ति हैं।

चुनावी संभावनाएं और चुनौतियां

कमला हैरिस को अमेरिकी जनता के बीच अपनी छवि और नेतृत्व क्षमता को और मजबूत करने की आवश्यकता होगी। वे पहले ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी स्पष्ट और सशक्त राय रख चुकी हैं, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा, जलवायु परिवर्तन, और आप्रवासन नीति। लेकिन राष्ट्रपति पद की दौड़ में उन्हें कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ेगा। उन्हें न केवल रिपब्लिकन पार्टी से मुकाबला करना होगा, बल्कि अपने ही डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर भी समर्थन जुटाना होगा।

निष्कर्ष

जो बाइडेन के चुनावी दौड़ से बाहर होने के बाद, अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ आया है। कमला हैरिस के पास अब एक बड़ा अवसर है, लेकिन इसके साथ ही उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं। आने वाले महीनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस तरह से अपने अभियान को आगे बढ़ाती हैं और अमेरिकी जनता का समर्थन कैसे प्राप्त करती हैं। यदि वे सफल होती हैं, तो वे न केवल अमेरिकी इतिहास में एक नया अध्याय लिखेंगी, बल्कि भारतीय मूल के लोगों के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा बनेंगी।