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अतीक-अशरफ हत्याकांड पूर्व नियोजित नहीं थी, पुलिस के लिए घटना को टालना संभव नहीं था, क्लीन चिट मिली

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लखनऊ
विधानसभा सदन में स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने माफिया अतीक अहमद, अशरफ और अतीक के बेटे असद व उसके साथी ग़ुलाम के एनकाउंटर मामले में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश की। जिसमें यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिल गई है। बताया गया है कि अतीक-अशरफ हत्याकांड पूर्व नियोजित नहीं थी, पुलिस के लिए घटना को टालना संभव नहीं था।

आपको बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी गैंगस्‍टर अतीक और अशरफ की प्रयागराज के अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोंसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन सरकार ने किया था।

जांच आयोग ने इनको बनाया था सदस्य
झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत जिला जज बृजेश कुमार सोनी को भी आयोग में सदस्य बनाया गया था।