Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

व्हाइट हाउस में ट्रंप की इफ्तार पार्टी की गेस्ट लिस्ट देखकर भड़के अमेरिकी मुस्लिम

32
Tour And Travels

वाशिंगटन

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर व्हाइट हाउस में पहली इफ्तार (Iftar) पार्टी की मेजबानी की. लेकिन ट्रंप की यह इफ्तार पार्टी विवादों में घिर गई है. अमेरिकी मुस्लिम इस इफ्तार डिनर पर भड़के हुए हैं.

राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इफ्तार डिनर की मेजबानी करते हुए कहा कि मैं आप सभी का व्हाइट हाउस के इफ्तार डिनर में स्वागत करता हूं. हम इस्लाम के पवित्र महीने रमजान का जश्न मना रहे हैं. यह बहुत बेहतरीन महीना है. दुनियाभर के मुस्लिमों को रमजान मुबारक. हम दुनिया के बेहतरीन धर्मों में से एक धर्म का सम्मान करते हैं.

उन्होंने कहा कि इस पवित्र महीने के दौरान मुस्लिम सुबह से शाम तक रोजा रखते हैं. खुदा की इबादत करते हैं. इसके बाद पूरी दुनिया के मुसलमान हर रात परिवारों और दोस्तों के साथ एकजुट होकर ईश्वर का धन्यवाद करते हैं और इफ्तार करते हैं. हम सभी पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं.

ट्रंप ने कहा कि 2024 राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए मुस्लिम अमेरिकी समुदाय का आभार भी जताया. बता दें कि व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी आयोजित करने की दो दशक पुरानी परंपरा है. लेकिन आरोप हैं कि इस बार अमेरिकी मुस्लिम सांसदों और समुदाय से जुड़े नेताओं को इसमें शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया. इसके बजाए मुस्लिम देशों के विदेशी राजदूतों को इफ्तार डिनर में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था.

व्हाइट हाउस के बाहर कई मुस्लिम सिविल राइट्स ग्रुप ने Not Trump's Iftar प्रोटेस्ट किया. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह डोनाल्ड ट्रंप का एक तरह का पाखंड है. वह एक तरफ देश में मुस्लिमों के प्रवेश पर बैन लगाते हैं तो दूसरी तरफ इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं.

बता दें कि इससे पहले 2017 में ट्रंप ने राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस की इफ्तार पार्टी को रद्द कर दिया था. दरअसल 1996 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस में इफ्तार पार्टी की शुरुआत की गई थी, जिसे बाद के राष्ट्रपतियों जॉर्ज बुश और बराक ओबामा ने भी जारी रखा. इस इफ्तार पार्टी में मुस्लिम समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों के साथ ही मुस्लिम देशों के राजनयिक और सीनेटर शामिल होते रहे हैं.