
यह कार्यक्रम उद्यमशीलता का समारोह मनाने तथा नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रमुख स्टार्टअप्स, उद्यमियों, निवेशकों, इनक्यूबेटरों, वित्त पोषण करने वाले निकायों, बैंकों, नीति निर्माताओं आदि को एक मंच के तहत लाएगा
‘‘ स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण सप्ताह‘‘ की रूपरेखा भारत भर में उद्यमिता के विस्तार और गहराई को प्रदर्शित करने के लिए बनाई गई है
उद्योग एवं आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) 10 से 16 जनवरी, 2022 तक अब तक के प्रथम स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण सप्ताह का आयोजन कर रहा है। सप्ताह भर चलने वाले इस वर्चुअल नवोन्मेषण कार्यक्रम का उद्वेश्य भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में ‘ आजादी का अमृत महोत्सव ‘ का समारोह मनाना है तथा इसकी रूपरेखा भारत भर में उद्यमिता के विस्तार और गहराई को प्रदर्शित करने के लिए बनाई गई है।
दिलचस्प बात यह है कि स्टार्टअप की दुनिया में वर्ष 2021 को ‘ यूनिकॉर्न के वर्ष‘ के रूप में मान्यता दी गई है तथा इस वर्ष के दौरान 40 से अधिक यूनिकॉर्न जोड़े गए हैं।
भारत एक वैश्विक इन्नोवेशन हब के रूप में उभर रहा है और इसे विश्व की एक तिहाई स्टार्टअप परितंत्र का देश होने का गौरव हासिल है। डीपीआईआईटी ने अभी तक 61,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी है। हमारे स्टार्टअप्स 55 उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, देश के प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश में कम से कम एक स्टार्टअप के साथ ये 633 जिलों में फैले हुए हैं और इन्होंने वर्ष 2016 से लेकर अब तक 6 लाख से अधिक रोजगारों का सृजन किया है। 45 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप्स श्रेणी-2 तथा श्रेणी -3 शहरों से हैं और उनमें से 45 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व महिला उद्यमियों द्वारा किया जाता है। स्टार्टअप्स में वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत के समेकन की गति में तेजी लाने तथा वैश्विक प्रभाव सृजित करने की क्षमता है।
इस स्टार्टअप तथा नवोन्मेषण समारोह का आरंभिक लक्ष्य उद्यमशीलता का समारोह मनाना तथा नवोन्मेषण को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रमुख स्टार्टअप्स, उद्यमियों, निवेशकों, इनक्यूबेटरों, वित्त पोषण करने वाले निकायों, बैंकों, नीति निर्माताओं आदि को एक मंच के तहत लाना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्वेश्य स्टार्टअप परितंत्रों के पोषण पर ज्ञान का आदान प्रदान करना, उद्यमशील परितंत्र क्षमताओं का विकास करना, स्टार्टअप निवेशों के लिए वैश्विक और घरेलू पूंजी जुटाना, नवोन्मेषण तथा उद्यमशीलता के लिए युवाओं को प्रोत्साहित तथा प्रेरित करना, स्टार्टअप्स को बाजार पहुंच का अवसर उपलब्ध कराना तथा भारत के उच्च गुणवत्तापूर्ण, उच्च प्रौद्योगिकी वाली एवं मितव्ययी नवोन्मेषणों को प्रदर्शित करना भी है।
राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों तथा भारत सरकार के विभिन्न विभागों की भागीदारी के साथ, सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम में अंतःपारस्परिक सत्रों, कार्यशालाओं तथा स्टार्टअप्स को अकादमिक एवं संरक्षण सहायता, स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन तथा तेजीकरण के लिए सहायता, स्टार्टअप्स को कंपनियों तथा सरकार के माध्यम से बाजार पहुंच की सहायता तथा वैश्विक स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए वित्त पोषण तथा अंतरराष्ट्रीय अवसरों के रूप में सहायता जैसी थीमों पर प्रस्तुतियों के जरिये स्टार्टअप परितंत्र के प्रमुख पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पहचानी गई विषय वस्तुओं के आधार पर एक्सपेरिएंस बूथ, पिचिंग और रिवर्स पिचिंग सत्रों तथा नवोन्मेषण प्रदर्शनियों जैसे समानांतर कार्यकलापों का भी आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम के लिए पंजीकरण का लिंक है:
https://www.startupindiainnovationweek.in
सप्ताह भर चलने वाले इन समारोहों की प्रमुख विशेषताएं होंगी :
· स्टार्टअप्स के साथ माननीय प्रधानमंत्री की परस्पर बातचीत
· राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, 2021 के परिणाम की घोषणा
· दूरदर्शन स्टार्टअप चैम्पियंस 2.0 शो का लांच
· वैश्विक निवेशकों के साथ गोल मेज बैठक तथा घरेलू फंड
· डिजिटल कॉमर्स डिजिटल स्ट्रेटजी के लिए ओपेन नेटवर्क का लांच
· विभिन्न सत्रों में, अन्य विभागों के साथ साथ, शिक्षा मंत्रालय, नीति आयोग, पीएसए, डीबीटी, डीएसटी का कार्यालय, एमईआईटीवाई, रक्षा मंत्रालय तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालयों की भागीदारी
· मत्स्य पालन विभाग द्वारा ‘ फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज‘ का लांच किया जाना
· पिचिंग सत्र तथा देश भर के स्टार्टअप्स के लिए कॉरपोरेट कनेक्ट प्रोग्राम
सप्ताह भर चलने वाले समारोहों की दिवस वार प्रमुख विशेषताएं :
प्रथम दिवस ( 10 जनवरी)
सप्ताह भर चलने वाले समारोहों को प्रथम दिवस, 10 जनवरी, 2022 को वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्रियों – श्री सोम प्रकाश तथा श्रीमती अनुप्रिया पटेल की उपस्थिति में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा लांच किया जाएगा। उद्घाटन सत्र के दौरान अन्य विख्यात वक्ताओ में शामिल होंगे:
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव श्री अनुराग जैन
इंफो एज इंडिया लिमिटेड के संस्थापक तथा उपाध्यक्ष श्री संजीव बिकचंदानी
अर्बन कंपनी के सह संस्थापक तथा सीईओ श्री अभिराज सिंह भल
पहले दिन ‘ सह-सृजन के माध्यम से व्यवसायों का रूपांतरण करना ‘ विषय पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की जाएगी जिसके वक्ताओं में शामिल होंगे:
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश एस गोखले
रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव श्री अजय कुमार
एक्सिलोर वेचर्स के अध्यक्ष श्री कृष गोपालकृष्णन
पीरामल फाडंडेशन के सीईओ श्री आदित्य नटराज
उद्यमी तथा टेलीविजन के चर्चित व्यक्तित्व शेफ श्री संजीव कपूर
अपोलो हॉस्पिटल की कार्यकारी उपाध्यक्ष श्रीमती शोभना कामिनेनी
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सत्रों एवं डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपेन नेटवर्क का आयोजन भी पहले ही दिन किया जाएगा।
द्वितीय दिवस (11 जनवरी)
द्वितीय दिवस का समन्वयन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा किया जाएगा तथा इसमें नवोन्मेषण, मानव मूल्य तथा वहनीयता पर सत्रों को शामिल किया जाएगा और उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में नवोन्मेषण प्रचलनों को रेखांकित किया जाएगा। द्वितीय दिवस के उद्घाटन समारोह को सम्मानीय हितधारकों द्वारा संबोधित किया जाएगा जिनमें शामिल हैं:
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव श्रीमती अनीता करवाल
उच्चतर शिक्षा विभाग के सचिव श्री के संजय मूर्ति
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के नवोन्मेषण प्रकोष्ठ के मुख्य नवोन्मेषण अधिकारी डॉ. अभय जेरे।
मुख्य संबोधन जोहो कारपोरेशन के संस्थापक श्री श्रीधर वेंबु तथा फारआई प्रा.लिमिटेड के संस्थापक श्री गौतम द्वारा साझा किया जाएगा।
‘ नवोन्मेषण, मानव मूल्य तथा संवहनीयता‘ एवं ‘ उच्चतर शैक्षणिक संस्थान में सर्वश्रेष्ठ नवोन्मेषण एवं स्टार्ट अप प्रचलन‘ पर कई पैनल चर्चाएं आयोजित की जाएंगी। पैनल चर्चाओं में भाग लेने वाले विख्यात वक्ताओं में शामिल हैं:
नक्र्काक रोबोटिक्स के सह संस्थापक तथा सीईओ श्री हर्षित राठौर
नजारा टेक्नोलॉजिज के संस्थापक तथा प्रबंध निदेशक श्री विकास मित्तरसैन
बाडवे इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक श्री श्रीकांत बाडवे
आईआईटी कानपुर के निदेशक, प्रो. अभय करांदिकर
आईसीटी, मुंबई के कुलपति प्रो. ए बी पंडित
इसके अतिरिक्त, सत्रों के मॉडरेटरों में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी सहस्त्रबुद्धे तथा इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ . के राधाकृष्णन जैसे नवोन्मेषण परिदृश्य के प्रमुख हितधारक शामिल होंगे।