Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

माधव राष्ट्रीय उद्यान बना म.प्र. का 9वां और देश का 58वां टाइगर रिजर्व

45
Tour And Travels

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माधव राष्ट्रीय उद्यान को देश का 58वां और मध्यप्रदेश का 9वां टाईगर रिजर्व की सौगात प्रदान करने के लिये आभार माना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर केन्द्र सरकार के इस निर्णय को प्रदेश के वन्य जीव संरक्षण प्रयासों के लिए ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह मध्यप्रदेश को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में मिली एक और बड़ी उपलब्धि है। माधव राष्ट्रीय उद्यान शिवपुरी जिले में स्थित है। यह ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है। टाइगर रिजर्व घोषित करने से यहां वन्यजीवों के संरक्षण के साझा प्रयासों को और अधिक मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सदैव ही वन्य जीव संरक्षण में अग्रणी रहा है। यह नया टाइगर रिजर्व राज्य की जैव विविधता को और अधिक सशक्त करेगा। उन्होंने कहा कि इससे बाघों के संरक्षण को बल मिलेगा, साथ ही पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट किया कि वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक आश्चर्यजनक समाचार प्राप्त हुआ है। भारत वन्य जीव विविधता और वन्यजीवों के संरक्षण करने वाली संस्कृति से धन्य है। हम हमेशा हमारे वन्य प्राणियों की रक्षा करने और एक सतत् विकासशील ग्रह में जीवन कायम रखने में योगदान देने में सबसे आगे रहेंगे।

केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाईगर रिजर्व घोषित किए जाने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा पृथ्वी पर पारिस्थितिकी विविधता को बहाल करने पर दिए गए ऐतिहासिक जोर के साथ भारत पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीव संरक्षण में लगातार बड़ी प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि देश ने अपने टाइगर रिजर्व की सूची में 58वां टाइगर रिजर्व जोड़ लिया है, जिसमें नवीनतम नाम मध्यप्रदेश के माधव टाइगर रिजर्व का है। यह मध्यप्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व है। केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने देश के सभी वन्य जीव प्रेमियों और संरक्षणवादियों को बधाई देते हुए कहा कि यह विकास हमारे वन अधिकारियों के अथक प्रयासों का प्रमाण है, जो निस्वार्थ भाव से वन्य जीव संरक्षण के पावन उद्देश्य के लिए काम कर रहे हैं।