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मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम में विझिनजम इंटरनेशनल सीपोर्ट परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया

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तिरुवनंतपुरम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में विझिनजम इंटरनेशनल सीपोर्ट परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ मंच पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी मौजूद थे। बंदरगाह का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन का एक ‘‘स्तंभ’’ बताया और उन्हें एवं मंच पर मौजूद कांग्रेस सांसद शशि थरूर से कहा कि उद्घाटन समारोह कई लोगों की ‘‘रातों की नींद हराम’’ कर देगा।

यह कार्यक्रम बहुतों की नींद हराम देगा- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर चुटकी लेते हुए कहा, “मैं मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं, आप INDI गठबंधन के एक मजबूत स्तंभ हैं, शशि थरूर जी भी यहीं बैठे हैं। आज का यह कार्यक्रम बहुतों की नींद हराम देगा।” हालांकि, उनके भाषण का अनुवाद करने वाले व्यक्ति ने इसका ठीक से अनुवाद नहीं किया, जिस पर प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ा कि ‘‘संदेश उन तक पहुंच गया है, जिन तक यह संदेश पहुंचाना था’’।

इस बंदरगाह परियोजना को अडानी समूह द्वारा विकसित किया गया है, जो अक्सर विपक्षी नेताओं के निशाने पर रहता है। यही वजह रही कि मंच पर शशि थरूर और पिनराई विजयन की उपस्थिति और प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई। शशि थरूर तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद हैं। उन्होंने पहले भी मोदी सरकार की कुछ नीतियों की प्रशंसा की है, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की कूटनीतिक स्थिति और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संबंधों को लेकर। हाल ही में भाजपा के नेता और केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने भी थरूर को “कांग्रेस के कुछ समझदार नेताओं में से एक” बताया था। वह भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

थरूर ने किया PM का स्वागत
इससे पहले दिन में, थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी का केरल में स्वागत किया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में दिल्ली हवाई अड्डे पर हो रही उड़ानों में देरी पर भी तंज कसा और लिखा कि "दुखद हालातों के बावजूद" वह समय पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए पहुंच सके। थरूर ने एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ कुछ तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि वे विझिनजम बंदरगाह परियोजना के उद्घाटन को लेकर उत्साहित हैं, जो कि उनकी “शुरुआत से प्रिय परियोजनाओं में से एक” रही है।

इस बंदरगाह का निर्माण अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर किया गया है। यह भारत का पहला गहरे पानी वाला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है और इसकी कुल अनुमानित लागत 8,867 करोड़ रुपये बताई गई है। दिसंबर 2024 में इसे वाणिज्यिक संचालन की मंजूरी मिली थी। इस बंदरगाह के शुरू होने से भारत को वैश्विक समुद्री व्यापार में नई मजबूती मिलने की उम्मीद है। यह रणनीतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है और इससे देश की विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता में कमी आएगी।

देश में विकास का ब्योरा देते हुए मोदी ने कहा कि जहाजों में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है और पिछले 10 वर्षों में हमारे बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है, उनकी दक्षता में सुधार हुआ है और वहां ‘टर्नअराउंड’ समय में 30 प्रतिशत की कमी आई है। ‘टर्नअराउंड’ समय किसी बंदरगाह पर एक जहाज के पहुंचने से लेकर उसके प्रस्थान तक का कुल समय होता है।

मोदी ने कहा कि इस बंदरगाह का निर्माण 8,800 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और निकट भविष्य में इसके ‘ट्रांसशिपमेंट हब’ (माल ढुलाई एवं लदान केंद्र) की क्षमता तीन गुना हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसे बड़े मालवाहक जहाजों को समायोजित करने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है, जो एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करता है। अब तक, भारत की 75 प्रतिशत ‘ट्रांसशिपमेंट’ गतिविधियां विदेशी बंदरगाहों पर की जाती थीं, जिसके परिणामस्वरूप देश को राजस्व का बड़ा नुकसान होता था।’’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हालांकि, अब इसमें बदलाव आने वाला है। पहले विदेशों में खर्च किए जाने वाले कोष को अब घरेलू विकास में लगाया जाएगा, जिससे विझिनजम और केरल के लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर पैदा होंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि देश की संपत्ति सीधे अपने नागरिकों को लाभान्वित करे।’’

"वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में इसकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी"
उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों को यह जानकर निराशा होगी कि अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम ने केरल में इतना बड़ा बंदरगाह बनाया है, जबकि वे पश्चिम भारतीय राज्य से आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के बंदरगाह मंत्री वी. एन. वासवन द्वारा कॉरपोरेट इकाई अदाणी समूह को वामपंथी सरकार का साझेदार बताना देश में हो रहे बदलावों को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने गुलामी से पहले के दौर का भी जिक्र किया और कहा कि भारत हजारों सालों तक समृद्धि के साथ फलता-फूलता रहा।