एनडीएमसी चाणक्यपुरी स्थित नेहरू पार्क में “म्यूजिक इन द पार्क” श्रृंखला के अंतर्गत शास्त्रीय संगीत को समर्पित तीन सन्ध्याओं का आयोजन कर रही है,
डॉ. एल सुब्रमण्यम (कर्नाटक वायलिन वादक), सुश्री अश्विनी भिडे देशपांडे (हिंदुस्तानी संगीत गायिका), श्री तेजेंद्र नारायण मजूमदार (सरोद वादक), श्री संजय सुब्रमण्यन (कर्नाटक संगीत गायक), श्री उदय बावलकर (हिंदुस्तानी संगीत गायक) और बेगम परवीन सुल्ताना (हिंदुस्तानी संगीत गायिका) अपनी प्रस्तुति देंगे ।

नई दिल्ली, 26 मार्च, 2025.
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी), स्पिक मैके के सहयोग से नेहरू पार्क, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में शनिवार से सोमवार यानी 29 से 31 मार्च, 2025 तक शाम 06.30 बजे से रोज़ाना “म्यूजिक इन द पार्क” श्रृंखला के तहत शास्त्रीय संगीत समारोह को समर्पित तीन सन्ध्याओं का आयोजित कर रही है। नेहरू पार्क में इस शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम के लिए प्रवेश नीति मार्ग की ओर से होगा और सभी के लिए यह कार्यक्रम निःशुल्क है।
स्पिक मैके के सहयोग से 21 साल की प्रतिष्ठित संगीत परंपरा के उत्सव को चिह्नित करने के लिए, एनडीएमसी गर्व से शास्त्रीय संगीत को समर्पित तीन सन्ध्याओं प्रस्तुत करके, शास्त्रीय संगीत के 6 दिग्गज कलाकारों के साथ 12 अन्य कलाकारों के प्रदर्शन से नई दिल्ली में भारतीय शास्त्रीय संगीत को खुले वातावरण में संगीत प्रेमियों और जनसाधारण को प्रस्तुत करके मंत्रमुग्ध करने वाली है।
राष्ट्रीय राजधानी के हृदय स्थल में स्थित नेहरू पार्क के हरे-भरे क्षेत्र की पृष्ठभूमि में, ये शास्त्रीय संगीत समारोह शाम को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति आदर और सम्मान प्रस्तुत करेंगे, जहां वास्तव में एक गहन और आलौकिक अनुभव बनाने के लिए विशिष्ट रागों का प्रदर्शन विभिन्न विधाओ में किया जाएगा।
एनडीएमसी द्वारा आयोजित होने वाली शास्त्रीय संगीत संध्याओं की शुरुआत डॉ. एल सुब्रमण्यम और श्री अंबी (कर्नाटक वायलिन वादक ) द्वारा की जाएगी, जिसमें श्री एन राधाकृष्णन (मृदंगम वादक ), श्री अकरम खान (तबला वादक ), श्री गणेशन नटराजन (कंजीरा वादक) शामिल होंगे, इसके बाद सुश्री अश्विनी भिडे देशपांडे (हिंदुस्तानी गायन) के साथ श्री विनोद लेले (तबला), श्री विनय मिश्रा (हारमोनियम) की प्रस्तुति शनिवार, 29 मार्च, 2025 को होगी।
दूसरे दिन शास्त्रीय संगीत समारोह की सन्ध्याओं के क्रम में, सरोद वादक श्री तेजेंद्र नारायण मजूमदार श्री ईशान घोष (तबला वादक ) के साथ, उसके बाद श्री संजय सुब्रह्मण्यन (कर्नाटक गायक) के साथ श्री एस वरदराजन (वायलिन वादक), श्री नेवेली बी वेंकटेश (मृदंगम वादक ) रविवार, 30 मार्च, 2025 को अपनी प्रस्तुति देंगे।
शास्त्रीय संगीत संध्याओं के समापन दिवस अवसर पर, श्री उदय बावलकर (हिंदुस्तानी गायक) के साथ श्री सुखद मुंडे (पखावज वादक), श्री प्रसन्ना विश्वनाथन (मुखर सहयोग) और उसके बाद बेगम परवीन सुल्ताना (हिंदुस्तानी संगीत गायिका) के साथ सुश्री शादाब सुल्ताना (स्वर समर्थन), श्री अकरम खान, (तबला वादक) और श्री विनय मिश्रा (हारमोनियम वादक) अपनी प्रस्तुति से सोमवार, 31 मार्च, 2025 को भी संगीतप्रेमियों को मन्त्रमुग्ध करेंगे।
इस कार्यक्रम के माध्यम से, एनडीएमसी भारत की शास्त्रीय कला और संस्कृति को संरक्षित करने और उसको बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने का प्रयास करने के क्रम में दर्शकों को खुले हरे भरे वातावरण में आत्मा को झकझोर देने वाले संगीत की एक अविस्मरणीय शाम प्रदान करने जा रही है। यह संगीत कार्यक्रम शास्त्रीय संगीत के जादू को उसके शुद्धतम रूप में देखने- सुनने का अमूल्य अवसर है – एक ऐसा अनुभव जो आत्मा को झकझोर देने वाला और अविस्मरणीय दोनों होने का वादा करता है।
एनडीएमसी भारत की कलात्मक और सांस्कृतिक परंपराओं को उजागर करने वाले ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन और समर्थन करके सांस्कृतिक और कलात्मक पहलों का समर्थन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, एनडीएमसी राजधानी के भीतर एक जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्य को बढ़ावा देने में भरपूर प्रयासरत है।
नेहरू पार्क में इस शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम के लिए प्रवेश नीति मार्ग की ओर से है और सभी के लिए यह निःशुल्क है। संगीत कार्यक्रम नेहरू पार्क की खूबसूरत शांत सेटिंग में आयोजित किए जाते हैं, जहाँ श्रोता / दर्शक प्रसिद्ध और उभरते कलाकारों के निःशुल्क लाइव प्रदर्शन का आनंद ले सकते हैं।
एनडीएमसी द्वारा अपने क्षेत्र में संगीत, नृत्य और प्रदर्शन कला जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के पीछे उद्देश्य शहरी जीवन को उन्नत करना है जो महानगरों में व्यस्त कामकाजी तनावपूर्ण दिनचर्या के कारण दिन-प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है।
कला और संस्कृति को बढ़ावा देना एनडीएमसी अधिनियम-1994 की धारा-12 के तहत परिषद के कार्यों में से एक है। यह प्रावधान परिषद को कला और संस्कृति को संग्रहालयों और ऑडिटोरियम की सीमाओं से बाहर निकालकर खुले में लाने की जिम्मेदारी देता है, जहां आम जनता इनमें भाग ले सके और इनका आनन्द उठा सके।