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NIA का खुलासा- पहलगाम हमले में बेनकाब हुआ पाकिस्तान, हमले से पहले आतंकियों ने ISI से किया था कॉन्टैक्ट

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श्रीनगर
पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए NIA की टीम आज (शुक्रवार, 02 मई को) भी बैसरन घाटी पहुंची है। दूसरी तरफ, NIA के महानिदेशक ने श्रीनगर में समीक्षा बैठक की है। इस बीच, सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि NIA को इस आतंकी हमले के मामले में ऐसे कई सबूत मिले हैं जो इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि बैसरन घाटी के हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था। अब NIA की जांच में नया ट्विस्ट आ गया है। सूत्रों के मुताबिक, NIA को ऐसे सुराग हाथ लगे हैं, जिससे स्थानीय पोनीवालों यानी खच्चर वालों की भूमिका शक के दायरे में आ गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को शक है कि पोनीवालों ने आतंकियों की मदद की थी।

सूत्रों के मुताबिक हिरासत में रखे गए कई पोनी राइडर्स ऐसे हैं, जिनके बयान मेल नहीं खा रहे। इसलिए जांच टीम को इन पर शक हो रहा है कि कहीं इन लोगों ने ही तो आतंकियों को ऊपर तक पहुंचाने और बैसरन घाटी में एंट्र के लिए मदद तो नहीं की। उनसे अभी भी गहन पूछताछ जारी है। NIA की टीम अब उनके फोन कॉल डिटेल्स भी खंगाल कही है और उनकी लोकेशन हिस्ट्री भी जांच कर रही है।

अब तक 2800 लोगों से पूछताछ
इसी सिलसिले में NIA की टीम ने स्थानीय पोनीवालों समेत अब तक करीब 2800 लोगों के पूछताछ की है। उनसे यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आतंकियों के आने-जाने का रूट क्या था और बैसरन घाटी में कैसे एंट्री ली थी? NIA को जांच में ये भी पता चला है कि इस हमले में शामिल आतंकी हाशिम मूला और अली भाई पाकिस्तान का रहने वाला है, जो हमले के दौरान पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से लगातार संपर्क में बने हुए थे। इस दौरान उन्हें पाकिस्तान से दिशा-निर्देश मिल रहे थे।

150 लोग हिरासत में लिए गए
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि NIA ने अब तक इस मामाले में 2800 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। इसके अलावा करीब 150 लोगों को हिरासत में लिया है। NIA की टीम ने घटनास्थल पर जाकर ना सिर्फ उसकी 3D मैपिंग की है बल्कि वहां का डंप डेटा भी लिया है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि उस वक्त वहां कौन-कौन था और उनका किन-किन से संपर्क हो रहा था। जांच टीम को मौके पर से 40 से ज्यादा कारतूत के खोखे भी मिले हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

इन-इन के बयान दर्ज
जांच टीम ने इसके अलावा अब तक बैसरन घाटी में काम करने वाले फोटोग्राफर्स, दुकानदारों, टूरिस्ट गाइडों, जिप लाइन वर्कर्स,होटल मालिकों और अन्य के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज की जांच की और आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई सैटेलाइट फोन की भी जांच की है। इसके अलावा पहलगाम में इन स्थलों की जांच की है, जहां आतंकियों ने हमले को अंजाम देने से पहले रेकी की थी। इसके अलावा जांच टीम ने प्रतिबंधित हुर्रियत और जमात इस्लामी से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी भी की है।