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दर्द निवारक घरेलू औषधि है जायफल

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नई दिल्ली, 14नवंबर। देशी औषधियों में जायफल काफी प्रसिद्ध है। यह गोलाकार, अण्डाकार और चिकना पीत वर्ण का होता है। यह जितने बड़े आकार का होता है, उतना अच्छा माना जाता है। यह भारत के हर गांव, शहर के पंसारी की दुकान पर मिल जाता है। इसके छिलके को ही जावित्री कहते हैं। जायफल का तेल अत्यन्त उत्तेजक है।

बच्चों को ठण्ड लग जाए तो जायफल को मां के दूध में घिसकर देने से बच्चों की ठण्ड दूर हो जाएगी।

सर्दी-जुकाम से होने वाले सिरदर्द में दूध में जायफल घिसकर माथे पर लेप करने से आराम मिलता है

जायफल का चूर्ण सुबह-शाम लेने से पेटदर्द में लाभ होता है।

जायफल को देशी घी में घिसकर पलकों पर लेप करने से अनिद्रा रोग दूर होता है।

जायफल को पानी में घिसकर एक कप पानी में घोलकर पीने से जी मिचलाना बंद होता है।

जायफल पानी में घिसकर आधा चम्मच लेप एक गिलास पानी में घोलकर गरारे और कुल्ले करने से मुंह के छाले मिटते हैं, बैठा हुआ गला खुल जाता है।

एक ग्राम जायफल का चूर्ण, शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटने से पाचनशक्ति तेज होती है।

तुलसी की पत्ती के साथ जायफल के टुकड़े चबाने से हिचकी शीघ्र बंद हो जाती है।

बड़ी उम्र के स्त्री-पुरूषों को अतिसार होने पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण आधा कप पानी के साथ सुबह-शाम लेने से लाभ होता है।

एक गिलास दूध में आधा ग्राम जायफल का चूर्ण मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम तथा सर्दी से होने वाली बीमारियां दूर होती हैं।

जायफल और आंवले का चूर्ण 1-1 ग्राम लोहे के बर्तन में 24 घण्टे भिगोकर बालों पर लेप करने से बाल काले और सुंदर होते हैं।

सभी प्रकार के दर्द में जायफल को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश से दर्द में आराम मिलता है।

जायफल का चूर्ण लेने से कफ का शमन होता है।