Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

यूपीएस और ओपीएस पर फिर होगा कर्मचारियों और संगठनों का दंगल?

53
Tour And Travels

नई दिल्ली.

केंद्र सरकार 'पुरानी पेंशन' बहाली की बजाए एनपीएस में सुधार कर एक नई पेंशन योजना 'एकीकृत पेंशन योजना' (यूपीएस) ले आई है। कहीं पर यूपीएस का विरोध हो रहा है तो कहीं इसे समर्थन मिला है। केंद्रीय कर्मचारियों की परिषद (जेसीएम) के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने इस योजना को शानदार बताया है। उनके नेतृत्व में 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री मोदी से मिला था।

उन्होंने इसे सरकारी कर्मचारियों की जीत करार देते हुए पीएम मोदी का आभार जताया है। दूसरी तरफ केंद्र एवं राज्यों के कई बड़े कर्मचारी संगठनों ने इसे 'छलावा' करार दिया है।उन्होंने यूपीएस को, पुरानी पेंशन के तूफान से पहले की शांति बताया है। यूपीएस बनाम ओपीएस के इस दंगल में सरकार के पक्ष में कम तो खिलाफ ज्यादा हैं। पीएम की बैठक में शामिल केंद्रीय कर्मचारी और श्रमिक परिसंघ के अध्यक्ष रूपक सरकार कहते हैं, "ओपीएस का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है। अभी हम यूपीएस पर एक विस्तृत अधिसूचना (नोटिफिकेशन) आने का इंतजार कर रहे हैं। बहुत सी बातें अभी स्पष्ट नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि सब खत्म हो गया। सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगी। हालांकि, कर्मचारियों की लड़ाई के मूल में ओपीएस रहेगा, ये तय है।" रूपक सरकार ने बताया, सरकार के साथ बातचीत चलती रहेगी। कई मुद्दों पर अभी तस्वीर साफ होनी बाकी है। नोटिफिकेशन में बहुत सी बातें स्पष्ट होंगी। इस बीच, ओपीएस की मांग जारी रहेगी। कुछ दिन बाद परिसंघ की बैठक होगी। उसके उपरांत जेसीएम की बैठक बुलाई जाएगी। अगली कड़ी में सरकार से बातचीत करेंगे। यूपीएस को लेकर विश्लेषण कर रहे हैं। इससे पहले केंद्रीय कर्मचारी और श्रमिक परिसंघ के महासचिव एसबी यादव कह चुके हैं कि पीएम की बैठक से पहले हमारा स्टैंड क्लीयर था। सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस ही चाहिए। हमें नई पेंशन योजना 'यूपीएस' मंजूर नहीं है।