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45 साल बाद मिली बड़ी सफलता, अब रावी नदी का पानी पाकिस्तान के बजाय जम्मू-कश्मीर और पंजाब में लाएगा हरियाली

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नई दिल्ली, 28जनवरी। पाकिस्तान बहकर जा रहा रावी का पानी अब जम्मू-कश्मीर और पंजाब की बंजर हो रही करीब 37 हजार हेक्टेयर जमीन पर हरियाली लाएगा। इसमें से 32 हजार हेक्टेयर भूमि जम्मू-कश्मीर में ही है।

25 फरवरी से बांध में पानी स्टोर होना शुरू हो गया
केंद्र सरकार के सहयोग से वर्ष 2018 में आरंभ हुई शाहपुर कंडी परियोजना का ज्यादातर काम पूरा हो गया है। शाहपुर कंडी में बांध बनकर तैयार है और 25 फरवरी को बांध में जल भंडारण होने लगा।

उसके बाद रावी-तवी नहर से किसानों के खेतों तक यह पानी पहुंचाया जाएगा। परियोजना से 200 मेगावाट बिजली उत्पादन का भी लक्ष्य है। परियोजना पर करीब 2,793 करोड़ रुपये लागत आई है।

सिंधु जल समझौते के अंतर्गत पानी पर भारत का हक
सिंधु जल समझौते के अनुसार, रावी नदी के पूरे पानी पर भारत का हक है। फिर भी रावी से कुछ पानी पाकिस्तान जा रहा था। शाहपुर कंडी बांध को रणजीत सागर से 11 किलोमीटर डाउनस्ट्रीम में बनाया गया है। अब इस पानी को बांध बनाकर रोका जाना है। बांध बनकर तैयार है।

बनाई जाएगी आर्टिफिशियल झील
भंडारण का कार्य आरंभ होने के बाद यहां एक कृत्रिम झील आकार ले लेगी और उसके बाद इससे जम्मू-कश्मीर और पंजाब की नहरों के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। इससे कठुआ, हीरानगर व सांबा की बंजर हो चुकी जमीन सिंचित होगी और खेतों में भी हरियाली लहलहाएगी।

पंजाब की भी पांच हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। 1979 में रणजीत सागर बांध के निर्माण के दौरान जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी उनके हक का पानी दिलाने का वादा किया गया था, लेकिन यहां के किसानों की आवाज किसी ने नहीं सुनी।

रावी नदी बांध बनकर तैयार है
2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को लगातार उठाया। अब पंजाब के शाहपुर कंडी क्षेत्र में रावी नदी पर बांध बनकर तैयार है। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आज शाहपुर परियोजना बनकर तैयार है। मैं विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताता हूं।

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