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गगन्यान मिशन का लक्ष्य है कि 2023 में पहली बार भारतीय अंतरिक्ष यात्री को स्वतंत्र रूप से अंतरिक्ष में भेजा जाए

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भारतीय अंतरिक्ष अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान अनेक नये उत्साहित चरणों में आ रहा है। इसी क्रम में, गगन्यान मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री दल की प्रशिक्षण कार्यक्रम की धूमधाम से शुरुआत की गई है। यहां, रूस और भारत में पिछले दो साल से इस योजना की तैयारी जारी है।

गगन्यान मिशन का लक्ष्य है कि 2023 में पहली बार भारतीय अंतरिक्ष यात्री को स्वतंत्र रूप से अंतरिक्ष में भेजा जाए। इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रूस के अंतरिक्ष एजेंसी Roscosmos के साथ सहयोग किया है।

इस उद्यान के लिए तैयार होने के लिए, भारतीय अंतरिक्ष यात्री दल को रूस में विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां, उन्हें अंतरिक्ष यात्रा की समुद्री, हवाई और अंतरिक्ष के तट पर जाने की कला सिखाई जा रही है। वे भूमि के बाहर के माहौल में भी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

साथ ही, भारत में भी योगदानकारी कार्यक्रम चल रहे हैं। यहां, अंतरिक्ष यात्रा से संबंधित तकनीकी ज्ञान और दक्षता की शिक्षा दी जा रही है।

इस योजना का उद्देश्य है कि भारत अंतरिक्ष में भी एक महत्वपूर्ण नाम बने और उसकी विज्ञानिक समर्थना और योगदान को बढ़ावा मिले। इसके साथ ही, यह भी उम्मीद है कि इस साहसिक मिशन से भारतीय युवा उत्साहित होंगे और विज्ञान में अपना करियर बनाने की प्रेरणा प्राप्त करेंगे।

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