Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

कौन हैं ,ओडिशा विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले वीके पांडियन ?

0 98

भुवनेश्वर,09मई। ओडिशा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच एक नाम सबकी जुंबा पर है. वह नाम तमिलनाडु में जन्मे ओडिशा कैडर के पूर्व IAS अधिकारी वीके पांडियन का है. वीके पांडियन ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी BJD में शामिल होने के लिए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और अब वह पार्टी के मुख्य कैंपेनर और रणनीतिकार हैं. इतना ही नहीं वीके पांडियन को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जा रहा है. इसका मतलब यह हुआ कि आप पांडियन को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी देख सकते हैं.

विपक्षी नेताओं का क्यों बन रहे निशाना?
बीजू जनता दल (BJD) में बढ़ते कद और लोकप्रियता की वजह से वीके पांडियन प्रधानमंत्री मोदी समेत कई विपक्षी नेताओं का मुख्य निशाना भी बन गए हैं. विपक्ष लगातर यह सवाल उठा रहा है कि अगर BJP की सत्ता में फिर वापसी होती है तो कोई गैर ओडिया राज्य की बागडोर कैसे संभाल सकता है? विपक्षी नेताओं के अनुसार भाषा के आधार पर बने अलग राज्य में ओडिया ‘अस्मिता’ खतरे में है.

2011 में BJD में हुए थे शामिल
BJD में पांडियन उन 40-स्टार प्रचारकों में शामिल हैं, जिनका नाम लिस्ट में नवीन पटनायक के बाद है. पार्टी उम्मीदवारों के साथ वह हर जगह केंद्र में रहते हैं. वह उन सभी बैठकों में भी शामिल होते हैं जिनमें नवीन पटनायक होते हैं. साल 2011 में नवीन पटनायक के निजी सचिव के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल होने के बाद पांडियन की काबिलियत और हाजिर जवाबी ने नवीन पटना का ध्यान आकर्षित किया. जल्द ही, उन्हें 2014 और 2019 के चुनावों के लिए नवीन की चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए ‘बैकरूम बॉय’ के रूप में चुना गया.

‘बाहरी’ टैग बना मुद्दा
इन घटनाक्रमों के बीच BJP और कांग्रेस के कई नेताओं ने वीके पांडियन को अतिरिक्त-संवैधानिक शक्तियों का मुद्दा उठाया, जब वह पिछले साल अक्टूबर तक मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में काम कर रहे थे. उनके स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने और BJD में शामिल होने के बाद, ‘बाहरी’ टैग अब राज्य में चर्चा का प्रमुख मुद्दा बन गया है.

उत्तराधिकारी पर क्या बोले पांडियन?
हालांकि, लगातार आलोचना से बेपरवाह वीके पांडियन का कहना है कि वह जन्म से भारतीय और सांस से ओडिया हैं. उन्होंने कहा कि उनके बच्चों की मातृभाषा ओडिया है और ओडिशा उनकी कर्मभूमि है. पटनायक के उत्तराधिकारी के मुद्दे पर पांडियन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमेशा कहा है कि ओडिशा के लोग उनके उत्तराधिकारी का फैसला लेंगे. इस चुनावी मौसम के दौरान, ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि नवीन पटनायक जिन दो विधानसभा सीटों (हिंजिली और कांटाबांजी) से चुनाव लड़ रहे हैं, पांडियन के लिए एक सीट खाली कर सकते हैं.

Leave A Reply

Your email address will not be published.