छठ पूजा की प्राचीन परंपरा: बिहार के इस जिले से हुई शुरुआत

Oct 24, 2025 - 12:44
 0  6
छठ पूजा की प्राचीन परंपरा: बिहार के इस जिले से हुई शुरुआत


लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा कल से शुरू हो रही है. छठ पूजा छठी मैया और भगवान सूर्य को समर्पित की गई है. छठ पूजा में भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाती है. ये महापर्व चार दिनों तक चलता. कल से शुरू होने वाली छठ पूजा का समापन 28 अक्टूबर को होगा. कल नहाय-खाय से ये महापर्व शुरू होगा.

28 अक्टूबर को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन हो जाएगा. छठ पूजा वर्तमान में नहीं, बल्कि युगों से होती हुई चली आ रही है. छठ पूजा की उत्पत्ति को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. छठ पूजा की शुरुआत बिहार एक जिले से हुई थी. आइए जानते हैं कि बिहार का वो कौनसा जिला है, जहां से छठ महापर्व की शुरुआत हुई?

मुंगेर से हुई थी छठ पूजा की शुरुआत

छठ पूजा की शुरुआत सबसे पहले बिहार के मुंगेर से हुई थी.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता सीता ने सबसे पहला छठ पूजन बिहार के मुंगेर में गंगा तट पर किया था. इसके बाद छठ महापर्व की शुरुआत हुई. वाल्मीकि और आनंद रामायण के अनुसार मुंगेर में माता सीता ने छह दिनों तक रहकर छठ पूजन किया था. दरअसल, भगवान राम को रावण वध का पाप लगा था.

इस पाप से मुक्त होने के लिए ऋषि-मुनियों के कहने पर प्रभु ने फैसला किया वो राजसूय यज्ञ कराएंगे. इसके बाद मुग्दल ऋषि को आमंत्रण भेजा गया, लेकिन मुग्दल ऋषि ने भगवान राम और माता सीता आदेश दिया कि वो दोनों ही उनके आश्रम में आएं. इसके बाद बाद मुग्दल ऋषि ने माता सीता को सूर्य की अराधना करने की सलाह दी. मुग्दल ऋषि के कहने पर माता सीता ने व्रत किया.

माता सीता ने की थी सूर्य देव की अराधना

ऋषि के आदेश पर माता सीता ने कार्तिक मास की षष्ठी तिथि पर मुंगेर के बबुआ गंगा घाट के पश्चिमी तट पर भगवान सूर्य की अराधना की. सूर्य देव की अराधना के दौरान माता सीता ने अस्ताचलगामी सूर्य को पश्चिम दिशा की ओर उदयगामी सूर्य को पूर्व दिशा की ओर अर्घ्य दिया था. जिस जगह पर माता सीता ने व्रत किया, वह सीता चारण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है.

इतना ही नहीं मंदिर के गर्भ गृह में पश्चिम और पूर्व दिशा की ओर माता सीता के चरणों के निशान आज भी मौजूद हैं. साथ ही शिलापट्ट पर सूप, डाला और लोटा के निशान हैं.

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0