UIDAI खोलेगा नया सेंटर, नया आधार बनवाने व संशोधन में जो समय लग रहा है, उसमें राहत मिलेगी

ग्वालियर
ग्वालियर शहर में भोपाल-इंदौर की तर्ज पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का आधार सेंटर खुलने जा रहा है। इसके खुलने से लोगों को दिल्ली के भरोसे नहीं रहना होगा। न आधार में छोटी-छोटी कमियां निकालकर निरस्त किया जा सकेगा। वर्तमान में सेंटर पर जो भीड़ हो रही है और नया आधार बनवाने व संशोधन में जो समय लग रहा है, उसमें राहत मिलेगी। वर्तमान में जो आधार बन रहे हैं, उसमें 35 से 40 फीसदी आधार निरस्त हो जाते हैं। इस कारण भीड़ कम नहीं हो रही।
वहीं तीन से अधिक अपडेट में दिल्ली के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिला प्रशासन के अफसरों ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जल्द ही जगह भी तय होगी। दरअसल स्कूल में प्रवेश, सरकारी राशन व अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार जरूरी है। एक सेंटर पर दिनभर में औसतन 25 से 30 आधार बन रहे हैं। पोस्ट ऑफिस के बाहर ज्यादा भीड़ हो रही है।
दिल्ली करना पड़ रहा संपर्क
आधार की जानकारी अपलोड होने के बाद व्यक्ति नंबर जनरेट होने का इंतजार करता है। न होने की स्थिति में कलेक्ट्रेट पहुंचता है और किस वजह से आधार निरस्त हुआ है, उसकी जानकारी लेने के लिए दिल्ली में संपर्क करना पड़ता है। इसके लिए मेल भेजना पड़ता है।
सेंटर में यूआईडीएआई का कर्मचारी बैठता है। इसका सीधा संपर्क दिल्ली में रहता है। यदि कोई कमी है तो वह स्थानीय स्तर पर सुधार देता है। ग्वालियर में स्थानीय स्तर पर कमी सुधारने की व्यवस्था नहीं है।
बैंक में नहीं जा रहे लोग
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में 56 आधार केंद्र हैं। पोस्ट ऑफिस व कलेक्ट्रेट के सेंटर पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, बैंक में लोग आधार बनवाने नहीं जा रहे। यदि बैंक में लोग जाना शुरू हो गए तो पोस्ट ऑफिस का लोड कम हो जाएगा। एक केंद्र पर दिन में औसतन 25 से 30 आधार बनते हैं।
इन कारणों से हो रहे हैं निरस्त
-कागजों की स्कैनिंग ठीक से नहीं हुई।
-नाम में अंतर होने पर। जन्म तिथि के दस्तावेज नहीं होने पर भी निरस्त हो रहे हैं।
-व्यक्ति के पते में अंतर होने पर।
-सबसे ज्यादा दिक्कत उन बच्चों को आ रही है, जिनके आधार जन्म के तुरंत बाद बन गए हैं। उस वक्त आधार में नाम नहीं लिखा गया है।
रुचिका चौहान, कलेक्टर का कहना है कि आधार निरस्त होने की संख्या अधिक है, इसलिए इंदौर भोपाल के आधार सेंटर का फीडबैक लिया था। नया सेंटर बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके शुरू होने पर आधार निरस्त कम होंगे, आसानी से भी बन सकेंगे।
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