MP के दक्षिणी हिस्से में मौसम का बदला मिजाज, इंदौर सहित 15 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट

Oct 22, 2025 - 10:14
 0  6
MP के दक्षिणी हिस्से में मौसम का बदला मिजाज, इंदौर सहित 15 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट

 इंदौर

मध्य प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट बदल चुका है। दक्षिणी हिस्से में सक्रिय हुए नए सिस्टम की वजह से मंगलवार से ही आंधी, बारिश और गरज-चमक का दौर शुरू हो गया है। मौसम विभाग ने बुधवार को भी इंदौर, बुरहानपुर, बैतूल, खरगोन, धार, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट समेत 15 जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है।

दिवाली की रात जबलपुर में तेज बारिश ने जहां लोगों को चौंका दिया, वहीं मंगलवार को भोपाल और आसपास के जिलों में बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी हुई। विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा, जबकि नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर तेजी से बढ़ने की संभावना है।

अरब सागर में सिस्टम एक्टिव, असर MP तक
दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बना लो प्रेशर एरिया अगले 24 घंटों में और मजबूत हो सकता है। साथ ही, समुद्र में चक्रवातीय गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं, जिनका प्रभाव विशेष रूप से मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों में पड़ेगा।

रात में ठंड, दिन में गर्मी
राज्य में मौसम के इस बदलाव का असर तापमान पर भी साफ नजर आ रहा है। रातें ठंडी हो गई हैं, जबकि दिन में धूप के कारण गर्मी बनी हुई है। भोपाल में रात का तापमान गिरकर 17.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इंदौर में 18.6 डिग्री, ग्वालियर और उज्जैन में 19.5 डिग्री, जबकि जबलपुर में 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सबसे कम तापमान राजगढ़ में 15.4 डिग्री रहा।

नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो जनवरी के अंत तक रहेगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर महसूस किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2010 के बाद यह सबसे सर्द सर्दी हो सकती है। साथ ही, सर्दियों में सामान्य से ज्यादा बारिश की भी संभावना है।

विदा हो चुका है मानसून, फिर भी जारी है बारिश
मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि मध्यप्रदेश से मानसून 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाले सिस्टम के कारण छिटपुट बारिश का सिलसिला जारी है। इस साल प्रदेश में मानसून की एंट्री 16 जून को हुई थी और कुल 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा।

बारिश में कई जिलों ने तोड़ा रिकॉर्ड
इस मानसून सीजन में प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। गुना सबसे अधिक बारिश वाला जिला रहा, जहां 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं श्योपुर में 216.3% बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर-चंबल संभाग में औसत से दोगुनी बारिश हुई। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) वर्षा हुई, जो भारी कमी की श्रेणी में आता है। उज्जैन, सीहोर और बैतूल में कोटा पूरा तो नहीं हुआ, लेकिन सामान्य के करीब वर्षा हुई। 

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0