जेवर एयरपोर्ट में फेस आईडी से बोर्डिंग पास, लंबी लाइन और ID की टेंशन खत्म
 
                                नोएडा
हवाई सफर करने वालों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खुशखबरी. सोचिए, आपको एयरपोर्ट पर न बार-बार बोर्डिंग पास दिखाना पड़े, न लंबी लाइन में धक्के खाने पड़े और न ही ID दिखाने की टेंशन हो? जी हां, ये सपना अब सच होने वाला है. क्योंकि देश का सबसे नया और मॉडर्न नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) एक ऐसी टेक्नोलॉजी ला रहा है, जो आपकी एंट्री बस आपके चेहरे की पहचान से कर देगी. अब आपका चेहरा ही आपका 'एंट्री पास' होगा. इस कमाल की सुविधा को 'डिजी यात्रा' नाम दिया गया है और यह एयरपोर्ट को पूरी तरह से पेपरलेस बनाने वाला है.
हाई-टेक होने जा रहा है नोएडा एयरपोर्ट
जेवर में बन रहा नोएडा एयरपोर्ट अब अपने आखिरी चरण में है. यहां अंदरूनी फिनिशिंग का काम तेजी से चल रहा है. यह एयरपोर्ट सिर्फ बिल्डिंग नहीं है, बल्कि यह डिजिटल-1 (Digital-1) की सोच के साथ बनाया जा रहा है. इसका सीधा मतलब है कि यह एयरपोर्ट यात्रियों को एकदम आसान, तेज और आधुनिक सफर का अनुभव देगा. इस पूरे डिजिटल कामकाज में स्विस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, यानी टेक्नोलॉजी एकदम वर्ल्ड क्लास होगी.
ऐसे काम करेगी डिजी यात्रा
अगर आप नोएडा एयरपोर्ट से सफर करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको बस एक छोटा सा काम करना होगा. ऐप डाउनलोड करने के बाद, आपको उसमें अपनी जरूरी जानकारी, खास तौर पर अपने आधार कार्ड की डिटेल और फ्लाइट टिकट की बुकिंग जानकारी डालकर अपडेट करनी होगी. यह सब करने के बाद, जब आप एयरपोर्ट पहुंचेंगे, तो आपको बार-बार किसी स्टाफ को टिकट या ID दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि एंट्री गेट पर लगी खास मशीन आपके चेहरे को स्कैन करके तुरंत पहचान लेगी. इस मशीन का नाम है 'फेस रिकग्निशन' टेक्नोलॉजी. जिसकी मदद से आप सिक्योरिटी चेक से लेकर बोर्डिंग गेट तक बिना किसी रुकावट के और तेजी से चेक-इन कर पाएंगे.
यह सुविधा पहले से ही दिल्ली, बेंगलुरु, वाराणसी, रांची, पटना और मुंबई जैसे कुछ बड़े एयरपोर्ट पर है, लेकिन नोएडा एयरपोर्ट में इसे पूरे एयरपोर्ट संचालन का आधार बनाया जा रहा है.
डिजिटल के साथ-साथ सुविधा भी शानदार
नोएडा एयरपोर्ट सिर्फ एंट्री ही आसान नहीं कर रहा है, बल्कि पूरा सिस्टम स्मार्ट बना रहा है. यहां आपको अपने बैग जमा करने के लिए (सेल्फ-बैग ड्रॉप) और विमान में चढ़ने के लिए (सेल्फ-बोर्डिंग गेट) अत्याधुनिक मशीनें मिलेंगी. इससे वेटिंग टाइम बहुत कम हो जाएगा और काम जल्दी होगा. इतना ही नहीं एयरपोर्ट के सभी गेट 'डिजी यात्रा' से लैस होंगे. यानी हर कदम पर तेज, सुरक्षित और पेपरलेस यात्रा संभव होगी. इन सबके अलावा यात्रियों को टर्मिनल बिल्डिंग से सीधे विमान तक पहुंचाने के लिए 10 एयरोब्रिज बनाए गए हैं. इतनी ज्यादा संख्या होने से एक साथ कई विमान आने पर भी यात्रियों को भीड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा.
इस बड़े डिजिटल बदलाव का फायदा सिर्फ हवाई यात्रियों तक ही सीमित नहीं रहेगा. एयरपोर्ट पर सामान लाने-ले जाने (कार्गो ऑपरेशन), पूरी व्यवस्था (लॉजिस्टिक्स) और एयरपोर्ट का प्रबंधन जैसे सभी काम भी अब स्मार्ट हो जाएंगे. इस पहल के दम पर भारत उन गिने-चुने देशों की कतार में शामिल हो जाएगा, जहां एयरपोर्ट का पूरा अनुभव पूरी तरह से डिजिटल होगा.
सुरक्षा और स्वच्छता पर पूरा ध्यान
नोएडा एयरपोर्ट के जल्द शुरू होने से पहले पूरे परिसर में सफाई, सौंदर्यीकरण और यात्री सुविधाओं को दुरुस्त करने पर जोर दिया जा रहा है. सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इसके लिए एयरपोर्ट क्षेत्र में दो नए पुलिस थाने बनाए जा रहे हैं और पूरे इलाके की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है. इतना ही नहीं सड़क और कनेक्टिविटी का काम भी अंतिम चरण में है ताकि यात्रियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो.
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