MP में ही रहेंगे चीते: कूनो, गांधी सागर के बाद नौरादेही बनेगा तीसरा आशियाना, केंद्र से 4 करोड़ मंजूर

Oct 25, 2025 - 03:44
 0  6
MP में ही रहेंगे चीते: कूनो, गांधी सागर के बाद नौरादेही बनेगा तीसरा आशियाना, केंद्र से 4 करोड़ मंजूर

भोपाल
 चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोग्राम के तहत नमीबिया से लाए गए चीते अब भी एमपी की पहचान बने रहे रहेंगे। इनको एमपी के बाहर नहीं बसाया जा रहा है, बल्कि इनके लिए प्रदेश में ही नया ठिकाना तैयार किया जा रहा है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व ( नौरादेही ) को चीतों का नया घर बनने जा रहा है।

दरअसल, नौरादेही अभ्यारण को चीतों का नया ठिकाना बनाने की केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही एनटीसीए ( नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ) ने तैयारियों के लिए सेंट्रल कैंपा फंड से 4 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यह तैयारियों की पहली किस्त है। इसके बाद जल्दी ही 3 करोड़ की दूसरी किस्त जारी की जाएगी।

तैयार होगा चीतों का ठिकाना
एनटीसीए की तरफ से जारी किए गए फंड से नौरादेही में चीतों के लिए नया घर तैयार होगा। इसमें सागर और दमोह जिले में फैले नौरादेही अभ्यारण में 4 क्वारेंटाइन बोमा और एक सॉफ्ट रिलीज बोमा तैयार किया जाएगा। साथ ही फेंसिंग सहित इंफ्रास्ट्रक्चर के अन्य जरूरी काम जल्द शुरू होंगे। वहीं, दूसरे फंड मिलने के बाद 2339 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व नौरादेही में चीते बसाए जाएंगे।

एनटीसीए की टीम करेगी दौरा
केंद्र सरकार से नौरादेही अभ्यारण बनाने की मंजूरी मिलने के बाद यहां चीतों को बसाने की कवायद तेज हो गई है। 4 महीने पहले किए गए निरीक्षण में नौरादेही के सिंघपुर, मोहली और झापा फॉरेस्ट रेंज को चीतों के सबसे बेस्ट माना गया। जल्दी ही एनटीसीए की टीम इन तीनों इलाकों का दौरा करने के लिए आएगी।

फॉरेस्ट रेंज से कई गांव होंगे विस्थापित
नौरादेही में जिन तीन क्षेत्रों सिंघपुर, झापा और मोहली को चीतों को उपर्युक्त माना है। उसके अंदर 13 गांव आते हैं। चीतों को बसाने से पहले यहां के लोगों को पुनर्वासित किया जाएगा। चीतों को लाने से पहले 30 किमी के रेंज पर बाड़ेबंदी की जाएगी।

राजस्थान और गुजरात नहीं जाएंगे चीते
चीतों की अगली बसाहट राजस्थान या गुजरात में करने की तैयारी थी। हालांकि एनटीसीए ने स्पष्ट कर दिया है कि चीतों को कहीं और नहीं बसाया जाएगा। एमपी में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसी संभावना है कि नए साल 2026 में अफ्रीका से आने वाले चीतों की नई खेप को नौरादेही में बसाया जाएगा। यदि ऐसा नहीं हो पाया तो कूनो में पले बढ़े और जवान हो चुके शावकों को शिफ्ट किया जाएगा।

1952 से विलुप्त हो गए थे चीते
देश में चीतों को आखिरी बार 1952 में देखा गया था। इसके बाद से विलुप्त हो चुके चीतों को रीइंट्रोडक्शन करने के लिए साल 2022 में नामीबिया से 8 चीतों की पहली खेप लाई गई। इनको कूनो में बसाया गया। फिर फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया। इन्हें भी कूनो में ही रखा गया। दो खेप में कुल 20 चीतों को भारत में लाया गया। कूनो में पिछले दो सालों में इन चीतों ने कुल 26 शावकों को जन्म दिया। हालांकि बीमारी, हमलों और अन्य कारणों के चलते केवल 19 ही जीवित बच पाए हैं।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0