हरियाली अमावस्या पर दुर्लभ संयोग: सर्वार्थ सिद्धि, अमृत और पुष्य योग एक साथ

Jul 20, 2025 - 05:44
 0  6
हरियाली अमावस्या पर दुर्लभ संयोग: सर्वार्थ सिद्धि, अमृत और पुष्य योग एक साथ

हरियाली अमावस्या 24 जुलाई गुरुवार को पूर्ण भक्तिभाव के साथ मनाई जाएगी। हरियाली अमावस्या की शुरुआत 24 जुलाई रात दो बजकर 28 मिनिट से होगी, इसका समापन 25 जुलाई को रात 12 बजकर 40 मिनट पर होगा। इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि व अमृत योग बन रहा है। इस दिन से मंदिरों में श्रावण मास के उत्सव शुरू हो जाता है। अमावस्या को पितरों की शांति के लिए तर्पण करने से शांति मिलती है. हरियाली अमावस्या को सनातन धर्म सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में हरे परिधानों से अलौकिक श्रृंगार किया जाएगा। श्रद्धालु सामार्थ्य के अनुसार दान-पुण्य करेगा। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए विशेष विधि-विधान किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृकार्य और शिवपूजन दोनों करने से न केवल पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।अमावस्या को पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि नदी स्नान संभव न हो, तो घर पर ही बाल्टी या टब में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान कर सकते हैं।
 
हरियाली अमावस्या पर बनेंगे तीन शुभ योग
अमावस्या के दिन काफी शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। इस दिन तीन शुभ योगों का निर्माण होने वाला है। हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।

    ब्रह्म मुहूर्त- सुबह सवां चार बजे से चर बजकर 57 मिनट तक
    अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक
    अमृत काल- दोपहर दो बजकर 26 मिनट से तीन बजकर 58 मिनट तक
    सर्वार्थ सिद्ध योग- पूरे दिन रहेगा
    गुरु पुष्य योग- शाम चार बजकर 43 मिनट से आरंभ होगा और अगले दिन सुबह पांच बजर 39 बजे तक रहेगा।

हरियाली अमवास्या का महत्व
सावन मास में चारों तरफ हरियाली होती है। बारिश की वजह से मौसम सुहावना होता है और पेड़-पौधों में अलग चमक दिखाई देती है। इस हरे-भरे वातावरण के चलते सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली अमावस्या के मौके पर पितर पूजा और नवग्रह शांति पूजा कराने का भी महत्व है। इसके साथ ही शिव पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है। इसके साथ ही पौधे लगाने का महत्व है। इस दिन आम, आंवला, नीम, बरगद, पीपल आदि के पौधे लगाने का बड़ा महत्व है।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0