आर्मी चीफ का बयान: ऑपरेशन सिंदूर धर्म युद्ध जारी रहेगा; जनरल द्विवेदी ने सतना में कहा—हम कभी नमाज के समय हमला नहीं करते
सतना
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी शनिवार को सतना के कृष्ण नगर स्थित सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंचे. यहां पर वह छात्र-छात्राओं के परिचर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उनका विद्यालय प्रबंधन द्वारा शॉल, श्रीफल और मोमेंटो देकर सम्मान किया गया. जनरल उपेंद्र द्विवेदी इसी विद्यालय के पूर्व छात्र भी हैं. यहां उन्होंने कक्षा चौथी तक पढ़ाई की. उनकी यादें इस विद्यालय से जुड़ी हैं.
स्कूल पहुंचकर अपने बचपन को याद किया
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को बड़ा और कामयाब अभियान बताया. उन्होंने विद्यालय में अध्ययन करने का अनुभव साझा किया. इसके साथ ही सतनावासियों के लिए संदेश दिया "आप चाहे वर्दी में हों या सिविल ड्रेस में हों, राष्ट्रप्रेम और देश निर्माण के लिए लगातार कार्य करते रहिए. विकसित भारत में हम सबको साथ मिलकर मेहनत करनी है. तब जाकर विकसित भारत का सपना 2047 में साकार हो सकेगा. "
ऑपरेशन सिंदूर से देश एकजुट
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा "ऑपरेशन सिंदूर का नाम ही पूरे देश को एक साथ जोड़ देता है. भारतीय संस्कृति में सिंदूर का बहुत महत्व है. जब बहन या बेटी सिंदूर लगाती है तो वह हमेशा अपने सैनिकों को याद करती है. जो सरहद पर दिन-रात तैनात रहते हैं. ऑपरेशन सिंदूर इसलिए सफल हुआ, क्योंकि हमने सैद्धांतिक और टेक्निकल कंबाइंड करके लड़ाई की. इस दौरान हमने ये भी तय किया कि किसी नागरिक का नुकसान न हो. केवल आतंकियों के खिलाफ ये मुहिम थी."
आर्मी चीफ बोले- ऑपरेशन सिंदूर ने देश को बांधा आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा, इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा। सिद्धांत और तकनीक के संयोजन से मिशन सफल हुआ। पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि हम धर्म युद्ध के अनुयायी हैं और आगे भी यही नीति अपनाएंगे।
'स्कूल से मिली निर्णय लेने की क्षमता' उन्होंने कहा कि स्कूल के दिनों में सीखी निर्णय क्षमता ने उन्हें सेना में कई सफलताएं दिलाईं। चौथी कक्षा में यहीं से निर्णय लेने की क्षमता मिली, इसी ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक सफलता दिलाई। उन्होंने आगे बताया कि यह वही स्कूल है, जिसने उनके व्यक्तित्व और राष्ट्र सेवा के संकल्प को मजबूत किया।
आर्मी चीफ ने छात्रों को सफलता का मंत्र दिया जनरल द्विवेदी ने छात्रों से कहा, सफलता की नींव विद्यार्थी जीवन में ही रखी जाती है। उन्होंने सफलता का मंत्र Three-A (Attitude, Adaptibility, Ability) बताया। उन्होंने कहा कि Attitude से सकारात्मक दृष्टिकोण और पॉजिटिविटी आती है। Adaptibility से आप अपने अंदर समय के साथ बदलाव ला सकते हैं और Ability आपको हर क्षेत्र में सफलता दिलाएगी।
उन्होंने कहा कि कठिन परिश्रम करने वाला ही भविष्य में देश का निर्माण करता है। आप वर्दी में हों या सिविल ड्रेस में, राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दें। यह देश हमारा है। जब हम सब मिलकर काम करेंगे तभी 2047 का विकसित भारत बनेगा।
सरस्वती स्कूल के अनुभव शेयर किए
अपने स्कूल सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अध्ययन करने के अनुभव के बारे में जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया "जब आप बालक होते हैं और छोटे होते हैं तो आप उस उम्र में जो भी सीखते हैं, वह आपके साथ जिंदगी भर रहता है. यह स्कूल किस तरीके से आगे बढ़ गया है, यहां से कितने आईपीएस, आईएएस, फौजी और कितने डॉक्टर और इंजीनियर निकले हैं, ये सब देख रहे हैं." वहीं, थल सेनाध्यक्ष के दौरे को देखते हुए सेना की टीमों ने डॉग स्क्वाड सहित अत्याधुनिक मशीनरी के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. इस दौरान उनके बारे में महापौर योगेश ताम्रकार ने भी उन्हें सहपाठी बताया.
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