लाड़ली बहनों को इस माह से मिलेंगे 1500 रूपये

Nov 12, 2025 - 04:44
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लाड़ली बहनों को इस माह से मिलेंगे 1500 रूपये

अब तक 44 हजार करोड़ से अधिक की राशि का अंतरण

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन और नेतृत्व में प्रदेश में नारी सशक्तिकरण का अभियान द्रुतगति जारी है। प्रदेश की लाड़ली बहनों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का किया हुआ वादा 12 नवम्बर 2025 को पूरा होने जा रहा है। एक करोड़ 26 लाख से अधिक लाड़ली बहनों को सिवनी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बड़ी हुई राशि उनके खाते में अंतरित की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रत्येक लाड़ली बहना के खाते में 1500 रूपये देने की शुरूआत करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस पहल पर प्रदेश की लाड़ली बहनों ने अपने भैया मोहन के प्रति आभार जताते हुए कहा है कि वे ठीक उसी प्रकार हमारा ध्यान रख रहे हैं, जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का ध्यान रखा था।

प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में चल रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। जून 2023 से अक्टूबर 2025 तक योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओं को कुल 29 किस्तों में नियमित आर्थिक सहायता राशि का अंतरण किया गया है। रक्षा बंधन पर अगस्त 2023, अगस्त 2024 और अगस्त 2025 में लाभार्थी महिलाओं को 250 रूपये की विशेष सहायता राशि तीन बार प्रदान की गई। इस प्रकार योजना के आरंभ से अब तक 44,917.92 करोड़ रूपये की राशि का सीधा अंतरण लाभार्थी महिलाओं के खातों में किया जा चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महत्वाकांक्षी योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। योजना से महिलाएं न केवल अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर रही हैं, बल्कि बैंकिंग में प्रणाली से भी सीधे जुड़ रही हैं।

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में प्रदेशभर में महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का सीधा लाभ मिल रहा है। योजना की अब तक की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में कुल 1,26,36,250 (एक करोड़ 26 लाख 36 हजार 250)  महिलाओं को योजना का लाभ प्राप्त हुआ है।

लाड़ली बहना योजना में सबसे अधिक लाभार्थी इंदौर जिले में हैं, जहाँ 4 लाख 40 हजार 723 महिलाओं को योजना का लाभ मिला है। इसके बाद सागर में 4 लाख 19 हजार 903, रीवा में 4 लाख 3 हजार 182, छिंदवाड़ा में 3 लाख 90 हजार 311, धार में 3 लाख 82 हजार 417 और जबलपुर 3 लाख 81 हजार 848 महिलाओं को लाभ मिला है। योजना के तहत बालाघाट जिले में 3 लाख 47 हजार 816, उज्जैन में 3 लाख 40 हजार 203, और मुरैना में 3 लाख 33 हजार 821 बहनों को लाभ मिला है। छतरपुर में 3 लाख 24 हजार 454, खरगोन में 3 लाख 13 हजार 741, भोपाल में 3 लाख 9 हजार 20 तथा ग्वालियर जिले में 3 लाख 5 हजार 969 महिलाओं को योजना का लाभ प्राप्त हुआ है। इसी क्रम में राजगढ़ में 2 लाख 95 हजार 459, शिवपुरी में 2 लाख 87 हजार 943, देवास में 2 लाख 85 हजार 496, विदिशा में 2 लाख 74 हजार 946, भिंड में 2 लाख 72 हजार 343, और बेतुल में 2 लाख 71 हजार 474 लाभार्थी पंजीकृत हुई हैं।

सिवनी जिले में 2 लाख 68 हजार 187, मंदसौर में 2 लाख 62 हजार 827, रतलाम में 2 लाख 50 हजार 176, रायसेन में 2 लाख 46 हजार 390, दमोह में 2 लाख 45 हजार 143, सीहोर में 2 लाख 42 हजार 717, और कटनी में 2 लाख 41 हजार 302 बहनों को राशि का लाभ मिला है। बड़वानी में 2 लाख 37 हजार 60, गुना में 2 लाख 28 हजार 604, खंडवा में 2 लाख 16 हजार 372, नर्मदापुरम में 2 लाख 9 हजार 837, सिद्धी में 2 लाख 9 हजार 706, टीकमगढ़ में 2 लाख 7 हजार 79, तथा नरसिंहपुर में 2 लाख 8 हजार 734 लाभार्थी महिलाओं को योजना की राशि प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में सिंगरौली जिले में 1 लाख 97 हजार 4, मंडला में 1 लाख 95 हजार 153, झाबुआ में 1 लाख 92 हजार 511, शहडोल में 1 लाख 88 हजार 729, पन्ना में 1 लाख 82 हजार 220, शाजापुर में 1 लाख 73 हजार 900, नीमच में 1 लाख 57 हजार 658, तथा अशोक नगर में 1 लाख 55 हजार 387 महिलाएँ इस योजना से लाभान्वित हुई हैं। दतिया में 1 लाख 44 हजार 239, अनूपपुर में 1 लाख 26 हजार 54, अलीराजपुर में 1 लाख 23 हजार 492, आगर मालवा में 1 लाख 17 हजार 255, उमरिया में 1 लाख 9 हजार 113, श्योपुर में 1 लाख 8 हजार 673, और हरदा जिले में 93 हजार 516 बहनों को योजना की राशि का लाभ मिला है। निवाड़ी जिले में 80 हजार 157 महिलाओं को योजना का लाभ प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना ने प्रदेश की महिलाओं के जीवन में आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान की भावना को सशक्त किया है। महिलाओं ने इस राशि का उपयोग अपनी दैनिक आवश्यकताओं, बच्चों की शिक्षा, और छोटे व्यापार के लिए पूंजी के रूप में किया है।

लाड़ली बहना योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है बल्कि परिवारिक निर्णयों में भी उनकी भूमिका को भी सुदृढ़ कर रही है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का व्यापक प्रभाव अब प्रदेश के हर कोने में देखा जा सकता है। गाँवों से लेकर शहरों तक महिलाएँ “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” के निर्माण में अपनी सशक्त भूमिका निभा रही हैं।

 

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