RBI 6 जून को मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करेगा,महज 7.75 परसेंट तक आ जाएगा होम लोन का ब्याज, घट जाएगी EMI

Jun 5, 2025 - 10:44
 0  8
RBI 6 जून को मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करेगा,महज 7.75 परसेंट तक आ जाएगा होम लोन का ब्याज, घट जाएगी EMI

मुंबई

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा 6 जून को मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करेंगे. यह फैसला तीन दिनों तक चलने वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद लिया जाएगा. इस साल फरवरी और अप्रैल में RBI ने पहले ही दो बार 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की है, जिससे रेपो रेट अब 6 प्रतिशत पर आ गया है. आर्थिक जानकारों का मानना है कि जून में RBI एक और 25 बिप्स की कटौती कर सकता है, क्योंकि खुदरा महंगाई लगातार तीसरे महीने RBI के 4% के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है.

गौरतलब है कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाता है और वे ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे पाते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में तेजी आती है.
जंबो कटौती होगी या कम?

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़्यादातर अर्थशास्त्री और बैंकिंग जानकार यह उम्मीद कर रहे हैं कि 6 जून को RBI की मौद्रिक नीति समिति फिर से रेपो रेट में 25 bps की कटौती कर सकती है. वहीं, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट का मानना है कि इस बार 50 bps की “जंबो” कटौती भी हो सकती है. यह अंतर इस बात को दिखाता है कि विशेषज्ञों के बीच इस बात पर अलग-अलग राय है कि अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए मौद्रिक नीति में कितनी नरमी लाई जाए.

अगर RBI 6 जून को रेपो रेट घटाता है, तो होम लोन की ब्याज दरें भी घट सकती हैं. फिलहाल UCO बैंक, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंक 7.75% से 7.9% के बीच ब्याज दर पर होम लोन दे रहे हैं. ऐसे में रेपो रेट में कटौती से होम लोन की दरें 7.75% से नीचे आ सकती हैं.

हालांकि, फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में जो 25-25 bps की कटौती हुई थी, उसका पूरा फायदा सभी बैंकों ने ग्राहकों को नहीं दिया. कुछ बैंकों ने केवल आंशिक फायदा दिया और अपनी “स्प्रेड” यानी मुनाफे की दर को समायोजित कर लिया. उदाहरण के लिए, Axis Bank और ICICI Bank जैसे निजी बैंकों ने रेपो रेट कटौती का पूरा फायदा नए ग्राहकों को नहीं दिया, बल्कि उन्होंने अपने मार्जिन को समायोजित कर 8.75% ब्याज दर बनाए रखी. दूसरी ओर, Kotak Mahindra Bank और HDFC Bank ने 10-30 bps की कटौती के साथ होम लोन की दरों में थोड़ी राहत दी है.

2019 के बाद बदले थे नियम

1 अक्टूबर 2019 के बाद सभी नए फ्लोटिंग रेट लोन एक बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होते हैं, जो अधिकतर बैंकों के लिए रेपो रेट है. इसका मतलब यह है कि लोन की ब्याज दर तीन हिस्सों से मिलकर बनती है- रेपो रेट, बैंक का मार्जिन (स्प्रेड), और क्रेडिट रिस्क प्रीमियम, जो आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है.

BankBazaar.com के अनुसार, 1 करोड़ रुपये के होम लोन (20 साल की अवधि) पर बैंकों की ब्याज दरें 7.75% से 9.35% के बीच हैं. ये दरें व्यक्ति की आय, क्रेडिट स्कोर और अन्य शर्तों पर निर्भर करती हैं.

उदाहरण के तौर पर, UCO Bank की दर 7.75 फीसदी से शुरू होती है, जो सबसे कम है और इस बैंक ने रेपो रेट में आई 50 bps की पूरी कटौती का फायदा पुराने और नए ग्राहकों को दिया है. ऐसे लोन पर EMI लगभग 82,095 रुपये आती है. केनरा बैंक की ब्याज दर 7.80 फीसदी से शुरू होती है और EMI लगभग 82,404 रुपये बनती है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक और यूनियन बैंक की शुरुआती दर 7.85 फीसदी है, और EMI 82,713 रुपये आती है. इंडियन बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक की दरें 7.90% से शुरू होती हैं और EMI लगभग ₹83,023 बनती है. बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की दरें 8% से शुरू होती हैं, जहां EMI ₹83,644 तक जाती है.

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0