27वीं वंदे भारत एक्सप्रेस को 2 साल बाद मिला अपग्रेड, अब 20 कोच के साथ दौड़ेगी ट्रेन

Sep 23, 2025 - 08:14
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27वीं वंदे भारत एक्सप्रेस को 2 साल बाद मिला अपग्रेड, अब 20 कोच के साथ दौड़ेगी ट्रेन

बेगूसराय
23 सितंबर 1908 का दिन भारतीय साहित्य के इतिहास में एक स्वर्णिम तारीख बनकर उभरा। यही वह दिन था जब बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में रामधारी सिंह दिनकर का जन्म हुआ। एक साधारण परिवार में जन्मे दिनकर के जीवन में संघर्षों और कठिनाइयों ने ही उन्हें महान कवि और राष्ट्रकवि बनने का काम किया। सिंहासन खाली करो कि जनता आती है। उनकी यह कविता अपातकाल में लोगों के सिर चढ़कर बोली। ऐसे में आज हम राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे। जो उनके संघर्ष, साहित्यिक योगदान और राजनीतिक भूमिका से जुड़ी हैं।

 यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. भारतीय रेलवे ने एक अच्छी खबर दी है. देश की 27वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को लॉन्च होने के दो साल बाद अब 20 कोचों वाला रेक मिल गया है. यह फैसला यात्रियों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए लिया गया है, ताकि सफर ज्यादा आरामदायक हो सके.

रेल मंत्रालय ने मौजूदा वंदे भारत ट्रेनों की सीटिंग कैपेसिटी बढ़ाने का प्लान चलाया है. इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर 2023 को फ्लैग ऑफ किया था. आज 24 सितंबर 2025 को यह अपग्रेड हो रही है.यह ट्रेन तिरुनेलवेली और चेन्नई इग्मोर के बीच चलती है. साउदर्न रेलवे जोन इसे मेंटेन और ऑपरेट करता है. शुरू में यह 16 कोचों वाली थी, लेकिन अब चार कोच और जोड़ दिए गए हैं.

कुल 20 कोच हो गए- 18 चेयर कार कोच और 2 एग्जीक्यूटिव चेयर कार कोच. इससे 312 अतिरिक्त सीटें जुड़ गईं. पहले 1128 सीटें थीं, अब कुल 1440 हो गईं. यात्री संख्या बढ़ रही है, ऑक्यूपेंसी हाई रहती है, इसलिए रेलवे ने यह कदम उठाया.तमिलनाडु के इस रूट पर रोज हजारों लोग सफर करते हैं, खासकर बिजनेस और फैमिली ट्रिप्स के लिए. अब वेटिंग लिस्ट कम होगी, और ज्यादा लोग वंदे भारत का मजा ले सकेंगे.

ट्रेन की डिटेल्स बताएं तो यह 653 किलोमीटर का सफर 7 घंटे 45 मिनट में पूरा करती है. सप्ताह में सभी दिन चलती है.सिर्फ मंगलवार को छोड़कर.जर्नी के दौरान यह छह स्टेशनों पर ये ट्रेन रुकती है- तंबरम, विल्लुपुरम, तिरुचिरापल्ली, दिन्दिगुल, मदुरै और विरुधुनगर. ये स्टॉपेज लोकल पैसेंजर्स के लिए सुविधाजनक हैं. चेन्नई से तिरुनेलवेली जाना हो या वापस, यह ट्रेन तेज और कंफर्टेबल है. वंदे भारत की स्पीड और सुविधाएं तो बहुत शानदार हैं. इसमें एसी, वाई-फाई, फूड सर्विस, बायो-टॉयलेट सब कुछ मौजूद है.

दो साल पहले जब यह लॉन्च हुई, तो लोगों में खासी खुशी हुई. पीएम मोदी ने खुद इसे हरी झंडी दिखाई है, जो रेलवे के मेक इन इंडिया विजन का हिस्सा है. अब अपग्रेडमेंट से यह और पॉपुलर हो जाएगी. साउदर्न रेलवे ने तमिलनाडु में रेल नेटवर्क मजबूत किया है, लेकिन क्राउड हमेशा की प्रॉब्लम रहती है. यह बदलाव न सिर्फ लोकल इकोनॉमी को बूस्ट देगा, बल्कि टूरिज्म भी बढ़ाएगा. मदुरै के मंदिर या तिरुनेलवेली के बीच, सफर अब आसान हो गया.

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