ट्रंप की रणनीति बेअसर, पुतिन की चाल से रूस की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा

Sep 25, 2025 - 03:44
 0  7
ट्रंप की रणनीति बेअसर, पुतिन की चाल से रूस की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा

नई दिल्ली
 यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के दबाव में अमेरिका और यूरोप लगातार रूस पर नए-नए प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो यहां तक कह चुके हैं कि यूरोपीय संघ पूरी तरह से रूसी तेल खरीदना बंद करे. लेकिन उनकी ये चाल कामयाब नहीं हो पाई. इसके उलट, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा खेल रचा कि देश का खजाना कच्चे तेल की कमाई से भर गया. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस का समुद्री कच्चा तेल निर्यात 21 सितंबर तक के 28 दिनों में औसतन 36.2 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया. यह मई 2024 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है. यानी पश्चिमी देशों की सख्ती और लगातार हमलों के बावजूद रूस ने तेल बेचने का नया रिकॉर्ड बना डाला.

यूक्रेन की तरफ से किए गए ड्रोन हमलों ने रूस की कई तेल रिफाइनरियों को नुकसान पहुंचाया. इसके कारण उत्पादन घटकर 50 लाख बैरल प्रतिदिन से नीचे चला गया, जो अप्रैल 2022 के बाद का सबसे कम स्तर है. जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी के अनुमान के अनुसार, अगस्त और सितंबर में रूस सामान्य रूप से 54 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का प्रोसेस करता था.
यूक्रेनी ड्रोन हमलों का शोर ज्‍यादा, असर कम

यूक्रेन द्वारा रूस की रिफाइनरियों और अन्‍य रणनीतिक ठिकानों पर ड्रोन हमले में बड़े नुकसान के दावे किए गए हैं. लेकिन, असल में उतनी हानि हुई नहीं है. रूस ने पिछले हफ्ते बाल्टिक पोर्ट प्रिमोर्स्क से रिकॉर्ड 12 टैंकर कच्चा तेल लेकर निकले. यह दिखाता है कि पंपिंग स्टेशनों पर हमलों के बावजूद रूस की सप्लाई लाइन मजबूत बनी हुई है. बंदरगाहों पर मौजूद स्टोरेज टैंकों ने भी काम आसान कर दिया. पंप स्टेशनों की मरम्मत होने तक इन टैंकों से तेल की आपूर्ति बिना रुकावट जारी रही.

रूस ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया. रिफाइनिंग कम होने के बाद भी रूस ने कच्चे तेल को घरेलू खपत में लगाने के बजाय सीधे निर्यात टर्मिनलों पर भेज दिया. इससे विदेशों में कच्चे तेल की आपूर्ति और बढ़ गई और रूस की जेब भी भर गई.
यूरोपीय संघ की दुविधा

यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए रूस पर नए प्रतिबंधों की संभावना अभी दूर दिखती है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि आगे कोई नया कदम तभी उठाया जाएगा जब यूरोपीय संघ पूरी तरह रूसी तेल की खरीद बंद करे.

डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दबाव बना रहे हैं कि यूरोपीय संघ पूरी तरह से रूसी तेल खरीद बंद करे. लेकिन ऐसा होना अभी मुश्किल है. हंगरी और स्लोवाकिया जैसे देश रूस के तेल पर निर्भर हैं और वे इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. इसी कारण यूरोपीय संघ प्रतिबंध लगाने के बजाय अब टैरिफ जैसे व्यापारिक उपायों पर विचार कर रहा है. यह भी पुतिन के लिए राहत की बात है क्योंकि इसका असर सीमित होगा.

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0