पत्रकारों की लंबित माँगों पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की अपील – सुविधाएँ, सुरक्षा और सम्मान की दिशा में बड़ा कदम उठाए सरकार : एक्रेडिटेड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन
नई दिल्ली,
भारतीय लोकतंत्र में पत्रकारिता को चौथे स्तंभ की संज्ञा दी गई है। समाज की नब्ज़ पकड़ने वाले, जनता की आवाज़ को सरकार तक पहुँचाने वाले और सत्ता से सवाल पूछने का साहस रखने वाले पत्रकार अक्सर स्वयं असुरक्षित और उपेक्षित जीवन जीने को मजबूर होते हैं। इन परिस्थितियों को बदलने और पत्रकारों को उचित सुविधाएँ व सुरक्षा दिलाने के उद्देश्य से एक्रेडिटेड जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (AJA) ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय शंकर चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में कहा है कि पत्रकार हर मौसम और हर परिस्थिति में अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं। लेकिन उनके लिए बुनियादी सुविधाएँ जैसे स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, पेंशन और सुरक्षा उपाय आज भी अधूरी हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यदि सरकार वास्तव में लोकतंत्र को मजबूत करना चाहती है तो पत्रकारों की इन जायज़ माँगों को पूरा करना आवश्यक है।
पत्रकारों की प्रमुख माँगें :
रेलवे कंसेशन की बहाली :
पत्रकारों के लिए रेलवे कंसेशन की सुविधा तत्काल बहाल की जाए, ताकि वे देशभर में समाचार कवरेज के लिए निर्बाध यात्रा कर सकें।
निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा:
पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए निजी व सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यह इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि पत्रकार अपने कार्य में अक्सर जोखिम उठाते हैं।
छोटे व मध्यम समाचार पत्रों को नियमित विज्ञापन :
देश के कोने-कोने में कार्यरत छोटे और मध्यम समाचार पत्र आज आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। यदि सरकार इन्हें नियमित विज्ञापन दे तो ये न केवल टिक पाएँगे बल्कि स्थानीय स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन :
60 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकारों को प्रति माह 15 से 20 हज़ार रुपये की पेंशन दी जाए, ताकि वृद्धावस्था में उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सुविधा हो।
मीडिया अकादमी की स्थापना:
पत्रकारों के प्रशिक्षण और क्षमता-विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर की मीडिया अकादमी की स्थापना की जाए। इससे नई पीढ़ी के पत्रकार अधिक दक्ष और पेशेवर बन सकेंगे।
फ्री मेट्रो सुविधा: महानगरों में कार्यरत मान्यता प्राप्त पत्रकारों को फ्री मेट्रो सुविधा प्रदान की जाए, जिससे उनका आवागमन सरल और सुरक्षित हो सके।
पत्रकारिता को मज़बूत करने की दिशा में पहल: विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि “पत्रकार समाज और सरकार के बीच सेतु का कार्य करते हैं। उनके बिना लोकतंत्र अधूरा है। लेकिन विडंबना यह है कि पत्रकारों के लिए न्यूनतम सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं। यदि सरकार हमारी माँगों को स्वीकार करती है तो इससे पत्रकारों का मनोबल बढ़ेगा और लोकतंत्र को नई मजबूती मिलेगी।” उन्होंने आगे कहा कि आज जबकि फर्जी खबरों और गैर-पेशेवर पत्रकारिता की चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, वहीं जिम्मेदार और मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्रोत्साहित करना समय की आवश्यकता है। सरकार से सकारात्मक कदम की उम्मीद: पत्रकारों का मानना है कि यह माँगें न केवल जायज़ हैं बल्कि व्यावहारिक भी हैं। इन माँगों के पूरा होने से पत्रकारिता पेशे को एक नई दिशा और सम्मान मिलेगा। एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इन माँगों पर गंभीरता से विचार करेंगे और पत्रकारों की दशा सुधारने की दिशा में ठोस पहल करेंगे।
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