अखिलेश यादव का दावा: जाति है हमारा इमोशनल कनेक्ट, भाजपा को पीडीए की एकता से डर

Sep 25, 2025 - 15:14
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अखिलेश यादव का दावा: जाति है हमारा इमोशनल कनेक्ट, भाजपा को पीडीए की एकता से डर


लखनऊ

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जाति हमारा इमोशनल कनेक्ट है। पिछड़ों को जाति के आधार पर आरक्षण दिया गया है। मंडल कमीशन की प्रस्तावना में ये बात आई कि हम जाति के आधार पर पिछड़े हैं तो हमें आरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि भाजपा पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) की एकता से घबरा गई है। जबसे हमने अलग-अलग विभागों में पीडीए की तैनाती के आंकड़े जारी किए हैं तब से भाजपा घबरा गई और लोगों को अपमानित कर रही है। अखिलेश यादव बृहस्पतिवार को लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे जिसमें उन्होंने योगी सरकार के आदेश कि एफआईआर, अरेस्ट वारंट या किसी भी दस्तावेज पर जाति नहीं लिखी जाएगी के आदेश पर जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि हरिजन एक्ट तो जाति पर ही बना है। जिन लोगों ने गंगाजल से मकान को धुलवाया उन पर कार्रवाई हुई क्या? मैं जिस मंदिर में गया था उसके पंडित के मना करने पर भी भाजपा के लोगों ने मंदिर को धुलवाया। उन्हें बताना चाहिए कि ऐसा क्यों किया? पीडीए को अब समाजवादी पार्टी पर भरोसा है।

भाजपा ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़े
अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में भाजपा ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। विधायक मंच से बोल रहे हैं कि 10 प्रतिशत कमीशन है उस पर बोलेंगे नहीं और हमें क्रीम, पाउडर और शैंपू में उलझा रहे हैं। हम भी बाजार जाएंगे। कहा कि जो लोग ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं उन्हीं से बात की जा रही है। अखिलेश यादव ने सपा में शामिल होने वाले सुधीर चौहान, पूर्व विधायक चौधरी अमर सिंह, विद्यासागर और लालजी भारती (बसपा से आए हैं) का स्वागत किया।

किसानों के साथ अन्याय की कीमत पर विकास का समर्थन नहीं करते
अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग षडयंत्र करते हैं और किसानों से उनकी जमीन जबरदस्ती ले लेते हैं। किसानों से धोखा करने का रास्ता विकास का रास्ता नहीं हो सकता है। ये लोग जो कानून हैं उन कानून की परवाह ना कर करके, दबाव बनाकर,  झूठे मुकदमें लगाकर, जमीन छीनने का काम करते हैं और ये सिलसिला चल रहा है। हम लोग इसका विरोध करते हैं और जब हमारी सरकार आएगी तो किसानों को सर्किल रेट बढ़ाकर मुआवजा दिया जाएगा। किसानों के साथ अन्याय की कीमत पर विकास को सही नहीं ठहराया जा सकता। 

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