लेदर इंडस्ट्री में आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम, अब देश में ही तैयार होंगे कुशल प्रोफेशनल

Oct 2, 2025 - 04:14
 0  6
लेदर इंडस्ट्री में आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम, अब देश में ही तैयार होंगे कुशल प्रोफेशनल

कानपुर
 देश की लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री अब विदेशी स्किलफुल लोगों पर निर्भर नहीं रहेगी. अभी लेदर इंडस्ट्री में स्किलफुल तकनीक और लोगों के लिए विदेश के एक्सपर्ट का रुख करना पड़ता है, लेकिन अब आगे ऐसा नहीं होगा अब देश में ही स्किलफुल लोग तैयार किया जा सकेंगे, जो लेदर इंडस्ट्री को प्रोफेशनल तरीके से संभाल सकेंगे.

एचबीटीयू और लेदर सेक्टर स्किल काउंसिल (एलएसएससी) के बीच हुआ करार उद्योग जगत के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा. इस समझौते से छात्रों को जहां रोजगार और रिसर्च का सीधा अवसर मिलेगा, वहीं इंडस्ट्री को अपनी जरूरतों के हिसाब से तैयार कुशल मैनपावर.

इंडस्ट्री के लिए तैयार होंगे स्किलफुल प्रोफेशनल्स

एचबीटीयू के कुलपति प्रो. समशेर ने बताया कि लेदर टेक्नोलॉजी से जुड़े बीटेक छात्र अब अपने हुनर और रिसर्च को सीधे इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक ढाल सकेंगे.छात्रों को इस साझेदारी के तहत न केवल रिसर्च और प्रोजेक्ट में सहयोग मिलेगा, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री की असल चुनौतियों को समझने और उनके समाधान निकालने का अवसर भी मिलेगा.इससे रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे और देश की इंडस्ट्री को वही स्किल्ड युवा मिलेंगे, जिनकी कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी.

ब्लू कॉलर और व्हाइट कॉलर दोनों तरह का मैनपावर

सीएलई के चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने कहा कि इस करार से हमें सिर्फ ब्लू कॉलर वर्कफोर्स ही नहीं बल्कि व्हाइट कॉलर स्किल्ड प्रोफेशनल्स भी मिलेंगे. आज इंडस्ट्री को ऐसे युवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है. मैनपावर की कमी ने लेदर सेक्टर की ग्रोथ को रोक रखा था, लेकिन अब एचबीटीयू जैसे संस्थान के सहयोग से यह बाधा खत्म होगी.

रिसर्च और ट्रेनिंग से खुलेगा वैश्विक बाजार

एलएसएससी के अधिकारियों के अनुसार, छात्रों को एडवांस टेक्नोलॉजी, प्रोडक्शन प्रोसेस, डिजाइनिंग और मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी. स्किल डेवलपमेंट के लिए नए मॉड्यूल तैयार होंगे और इंडस्ट्री इंटर्नशिप के जरिए छात्र सीधे कामकाजी माहौल का अनुभव हासिल करेंगे. इससे वे न सिर्फ देश बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनेंगे.

आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि इस करार से भारत की लेदर इंडस्ट्री को विदेशी स्किलफुल लोगों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी. घरेलू स्तर पर ही ऐसा मैनपावर तैयार होगा, जो न केवल तकनीकी रूप से सक्षम होगा बल्कि रिसर्च और इनोवेशन से भी इंडस्ट्री की प्रतिस्पर्धा क्षमता को बढ़ाएगा.

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0