दशहरे की जली लकड़ी से घर में गायब करें नकारात्मक ऊर्जा

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक, दशहरा का पर्व बहुत खास माना जाता है। इस दिन रावण दहन किया जाता है, जिसके पीछे मान्यता है कि रावण के साथ सभी नकारात्मकता, अहंकार और बुराइयां भी जलकर राख हो जाती हैं। मान्यताओं और ज्योतिषीय उपायों के अनुसार, रावण दहन की राख और जली हुई लकड़ी में एक विशेष शक्ति आ जाती है, जो घर से बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने में सहायक होती है।
बुरी नजर और नकारात्मकता दूर करने के खास उपाय
रावण दहन के तुरंत बाद, जब आग शांत हो जाए, तो वहां से बची हुई थोड़ी-सी राख या एक छोटा जला हुआ लकड़ी का टुकड़ा उठाकर घर लाएं। इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है।
बुरी नजर से सुरक्षा का कवच
रावण दहन से लाया गया जली हुई लकड़ी का छोटा टुकड़ा या थोड़ी-सी राख को एक लाल कपड़े की पोटली में बांध लें। इस पोटली को अपने घर के मुख्य द्वार के अंदर की तरफ या दहलीज के पास टांग दें अथवा किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें। यह उपाय आपके घर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। मान्यता है कि यह घर में नकारात्मक शक्तियों के प्रवेश को रोकता है, जिससे परिवार के सदस्यों को बुरी नजर नहीं लगती और घर में शांति बनी रहती है।
माथे पर तिलक लगाकर विजय प्राप्त करना
रावण दहन की राख को उठाकर लाएं और उसे शुद्ध कर लें। अगले दिन, स्नान के बाद इस राख का तिलक अपने माथे पर लगाएं। ऐसा माना जाता है कि यह तिलक व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा करता है और व्यापार तथा करियर में उन्नति के रास्ते खोलता है।
धन-समृद्धि और स्थिरता के लिए विशेष उपाय
रावण दहन से बचा हुआ एक छोटा-सा जला हुआ लकड़ी का टुकड़ा लें। इसे शुद्ध करके अपनी तिजोरी, कैश बॉक्स या जहां आप अपना धन और कीमती सामान रखते हैं, उस स्थान पर रख दें। यह उपाय घर में धन के आगमन के नए रास्ते खोलता है और धन को घर में स्थिरता प्रदान करता है। इससे धीरे-धीरे आर्थिक तंगी और लगातार आ रही मुश्किलें दूर होने लगती हैं।
भय और वास्तु दोष मुक्ति
जली हुई लकड़ी या राख की पोटली को घर के आंगन या बालकनी में दक्षिण दिशा की ओर सुरक्षित रख दें। ऐसा माना जाता है कि यह उपाय पारिवारिक सदस्यों को अनजाना भय और डर से मुक्ति दिलाता है। साथ ही, यह घर के वास्तु दोषों को भी कम करने में मदद करता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
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