देश में महिला अपराधों में 0.7% की बढ़ोतरी, 2023 में 4.48 लाख मामले दर्ज

नई दिल्ली
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की तमाम कोशिशों के बावजूद साइबर अपराधियों पर लगाम नहीं लग पा रही है। साइबर अपराधों में 2022 की तुलना में 2023 में 31.2 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट में यह तथ्य उजागर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसूचित जनजातियों के विरुद्ध अपराधों में 28.8 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हुई है। अनुसूचित जातियों, महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध भी अपराध बढ़े हैं। जबकि हत्या के मामलों और वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध अपराधों में मामूली कमी आई है।
2023 में ये बढ़कर 86,420 हो गए
एनसीआरबी के अनुसार, 2022 में देशभर में साइबर अपराध से जुड़े 65,893 मामले दर्ज किए गए थे। 2023 में ये बढ़कर 86,420 हो गए। इनमें लगभग 70 प्रतिशत (59,526) मामले धोखाधड़ी के थे। इससे देश में साइबर अपराध के बढ़ते दायरे और अपराधियों के बढ़ते हौसले का अंदाजा लगाया जा सकता है।
देश में बच्चियों से दुष्कर्म के कुल 38968 मामले दर्ज किए गए. इसमें मध्य प्रदेश में देश में महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा मामले रिकॉर्ड किए गए. मध्य प्रदेश में बच्चियों से रेप की 3876 घटनाएं हुई हैं, यानी हर दिन 10 नाबालिग बच्चियां रेप की शिकार हो रही हैं. महाराष्ट्र में नाबालिग बच्चियों से 4666 मामले दर्ज किए गए.
पति, रिश्तेदार ही सबसे ज्यादा अपराध
देश में महिला अपराधों के मामलों में 0.7 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2023 में देश में 4 लाख 48 हजार 211मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में 4 लाख 45 हजार 256 मामले दर्ज किए गए थे. देश में सबसे ज्यादा महिला अपराध उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. महिला अपराधों के टॉप फाइव स्टेट में मध्य प्रदेश का स्थान 5 वां है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश में महिलाओं को सबसे ज्यादा क्रूरता के जख्म अपने पति, रिश्तेदारों के द्वारा ही मिल रहे हैं. देश में कुल महिला अपराधों में 14 फीसदी मामले दुष्कर्म और 19.8 फीसदी मामले अपहरण के हैं.
उत्तर प्रदेश में - 66381 महिला अपराध दर्ज हुए
महाराष्ट्र में - 47101 महिला अपराध दर्ज हुए
राजस्थान में - 45450 महिला अपराध दर्ज हुए
पश्चिम बंगाल - 34691 मामले दर्ज हुए
मध्य प्रदेश - 32342 महिला अपराध दर्ज हुए
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा महिला अपराध से जुड़े मामले भोपाल और इंदौर में दर्ज किए गए, जबकि दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है. महिला अपराध के मामले में उज्जैन 5 वें स्थान पर है.
कांग्रेस ने साधा भाजपा पर निशाना
एनसीआरबी की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, ''भाजपा की सरकार आखिर कब तक महिलाओं के साथ मजाक करती रहेगी. एक तरफ लाड़ली बहना योजना चला रहे हैं, दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में महिलाएं और बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. क्या है कानून व्यवस्था क्या कर रही है सरकार. बच्चियों को बचाइये, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.''
शीलभंग करने के इरादे से हमले
2023 में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के 4,48,211 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2022 में 4,45,256 और 2021 में 4,28,278 मामले दर्ज हुए थे। 2023 में सबसे अधिक अपराध पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता (1.33 लाख मामले, 29.8 प्रतिशत) के थे। इसके बाद महिलाओं के अपहरण (88,605 मामले, 19.8 प्रतिशत) और शीलभंग करने के इरादे से हमले (83,891 मामले, 18.7 प्रतिशत) के थे। हालांकि, महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दर लगभग अपरिवर्तित (66.2 प्रति लाख) रही।
आत्महत्या के मामले 0.3 प्रतिशत बढ़े
बच्चों के विरुद्ध बढ़ते अपराध भी चिंताजनक हैं। 2022 में बच्चों के विरुद्ध अपराध की दर 36.6 (प्रति एक लाख बच्चे में) थी, जो 2023 में बढ़कर 39.9 हो गई। बच्चों के विरुद्ध सबसे अधिक मामले अपहरण (45 प्रतिशत) और यौन अपराधों (38.2 प्रतिशत) से जुड़े थे।
आत्महत्या के मामले 0.3 प्रतिशत बढ़े हैं। ये 1,71,418 दर्ज किए गए। इनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 22,687 और तमिलनाडु में 19,483 मामले दर्ज हुए। किसानों की आत्महत्या के 10,700 मामले दर्ज हुए। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 38 प्रतिशत और कर्नाटक में 22.5 प्रतिशत मामले दर्ज हुए।
अपहरण के मामलों में 5.6 प्रतिशत की बढ़त
बुजुर्गों के विरुद्ध अपराधों के कुल 27,886 मामले दर्ज हुए। अपहरण के मामलों में 5.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2022 के 1,07,588 के मुकाबले 2023 में ये 1.16 लाख दर्ज किए गए। हत्या के मामलों में 2.8 प्रतिशत की कमी आई है। ये 2022 के 28,522 की तुलना में 2023 में 27,721 दर्ज हुए।
किशोरों के विरुद्ध अपराधों में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि
किशोरों के विरुद्ध अपराधों में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिनकी संख्या 2023 में 31,365 रही। दिल्ली में इसकी दर प्रति एक लाख बच्चों पर 41 थी, जो देश में सबसे अधिक है। किशोर अपराध की दर भी बढ़कर 6.9 से बढ़कर 7.1 हो गई। सभी महानगरों में किशोर अपराधों की सबसे अधिक संख्या भी दिल्ली में दर्ज की गई, जहां कुल 2,278 घटनाएं हुईं।
विभिन्न वर्गों के विरुद्ध अपराध
वर्ग | वृद्धि (%में) | कमी |
बुजुर्ग | 2.3 | 0 |
बच्चे | 9.2 | 0 |
महिला | 0.7 | 0 |
किशोर | 2.7 | 0 |
एसटी | 28.8 | 0 |
एससी | 0.4 | 0 |
(2022 की तुलना में 2023 में)
बच्चियां देश में बड़ी संख्या में लैंगिक अपराध का शिकार हो रही हैं. एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के ताजा आंकड़े चिंता में डालने वाले हैं. देश में बच्चों से जुड़े अपराधों में 9.2 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. देश में बच्चों से जुड़े सबसे ज्यादा अपराध मध्य प्रदेश में हुए हैं. जबकि पिछले साल मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर था. मध्य प्रदेश में आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन 10 नाबालिग लड़कियों से यौन अपराध हो रहे हैं. वहीं महिला अपराध के मामले में मध्य प्रदेश देश में पांचवे स्थान पर है.
बच्चों से बढ़ रहे अपराध
देश में बच्चों से जुड़े आपराध के आंकड़े चिंताजनक है. आंकड़ों के मुताबिक देश में मध्य प्रदेश बच्चों के मामले में सबसे ज्यादा असुरक्षित प्रदेश बन गया है. मध्य प्रदेश में 2023 में 22 हजार 393 मामले दर्ज किए गए. साल 2022 में मध्य प्रदेश में 20 हजार 415 मामले और साल 2021 में 19173 मामले दर्ज किए गए थे.
महाराष्ट्र बाल अपराधों के मामले में दूसरे नंबर पर है. महाराष्ट्र में 22 हजार 390 मामले दर्ज किए गए. उत्तर प्रदेश में 18 हजार 852 बच्चों से जुड़े अपराध हुए. राजस्थान में 10 हजार 577 मामले बच्चों से जुड़े दर्ज किए गए हैं. असम में 10 हजार 174 मामले बच्चों से जुड़े दर्ज किए गए. देश में बच्चों से पाक्सो के तहत कुल 66 हजार 276 मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं. इस मामले में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है. मध्य प्रदेश में पाक्सो के तहत 6559 मामले दर्ज किए गए.
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