Digital Arrest की जद में रिटायर्ड अफसर: साइबर ठगों ने 85 लाख उड़ाए

Dec 11, 2025 - 12:44
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Digital Arrest की जद में रिटायर्ड अफसर: साइबर ठगों ने 85 लाख उड़ाए

चंडीगढ़
विजीलैंस आफिसर बन हरियाणा सरकार से ज्वाइंट डायरैक्टर पद से रिटायर्ड बुजुर्ग को एक माह से ज्यादा समय तक डिजीटल अरैस्ट कर 85 लाख रुपए की ठगी कर ली। बुजुर्ग की शिकायत पर साइबर सैल ने जांच कर अज्ञात ठगों पर मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता मनीमाजरा निवासी बुजुर्ग ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि हरियाणा सरकार से ज्वाइंट डायरैक्टर पद से रिटायर्ड हुआ था। 9 अक्टूबर सुबह करीब 11 बजे अज्ञात नंबर का फोन आया, जिसने खुद की टैलीफोन अथॉरिटी ऑफ इंडिया से विजय पंडित बताया। विजय पंडित ने कहा कि आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर दिल्ली के चांदनी चौक में प्राइवेट बैंक में खाता खोला गया है। इसमें उनके टेलीफोन नंबर का भी इस्तेमाल किया गया है, जिसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ।
 
जोड़ा और उसके बाद नीरज ठाकुर और प्रदीप सिंह से, जिन्होंने खुद को सीनियर विजीलैंस ऑफिसर बताया। उन्होंने अलग-अलग मोबाइल नंबरों से उसके मोबाइल नंबर पर बात की। सभी ने धमकाकर कहा कि उन्हें और उसकी पत्नी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वे ही मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रायोरिटी इनोसेंस सर्टिफिकेट जारी कर मदद कर सकते हैं। इसके लिए, कई बार अलग-अलग बैंक अकाऊंट में कुल 85 लाख रुपए जमा करवाए, जिन्हें आर.बी.आई. द्वारा वेरिफाई किया जाना था। ठगों ने शिकायतकर्ता को एक महीने से ज्यादा समय तक डिजीटल अरैस्ट रखा और 11 नवम्बर तक अलग-अलग बैंक खातों से पैसे निकालकर 80 लाख जमा करवा दिए।

शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि ठगों ने उनके व्हाट्स एप नंबर पर कोर्ट, आर. बी.आई. वगैरह के नोटिस भी भेजे थे। ठगों ने वैरीफिकेशन के बाद सारे रुपए बैंक के जरिए वापस करने का भी वादा किया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके केस का डॉक्यूमेंट 3 से 7 कामकाजी दिन के अंदर पुलिस स्टेशन भेज दिया जाएगा। मनीमाजरा पुलिस स्टेशन में संपर्क करने पर ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद पुलिस को शिकायत दी और साइबर सैल ने अज्ञात ठगों पर मामला दर्ज किया।

 

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