एनडीएमसी के 'दिल्ली को कूड़े से आज़ादी' अभियान ने 400 से अधिक स्वच्छता कार्यक्रमों के साथ मज़बूत प्रभाव दर्ज किया।

Aug 18, 2025 - 17:30
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एनडीएमसी के 'दिल्ली को कूड़े से आज़ादी' अभियान ने 400 से अधिक स्वच्छता कार्यक्रमों के साथ मज़बूत प्रभाव दर्ज किया।

नई दिल्ली, 18 अगस्त, 2025. 

स्वतंत्रता दिवस से पहले शुरू किए गए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के प्रमुख अभियान, 'दिल्ली को कूड़े से आज़ादी' ने एनडीएमसी क्षेत्र में 15 अगस्त तक आयोजित 413 स्वच्छता कार्यक्रमों के साथ उल्लेखनीय गति पकड़ी है। 

सामूहिक नागरिक उत्तरदायित्व और स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन उपायों को प्रेरित करने के लिए एक जन आंदोलन के रूप में परिकल्पित इस अभियान ने स्कूलों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए), मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन (एमटीए), जनप्रतिनिधियों और नागरिकों को एक स्वच्छ राजधानी के लिए एक साझा संकल्प के रूप में एक साथ लाया है। 

एनडीएमसी में व्यापक भागीदारी: इस अभियान की शुरुआत शहीद भगत सिंह प्लेस में एक उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जहाँ एनडीएमसी अध्यक्ष ने स्वयं एनडीएमसी क्षेत्र में एक बड़े अभियान का नेतृत्व किया। तब से यह पहल कई आयामों में विस्तारित हो चुकी है - जिनमें 23 विभागों में कार्यालय और कार्यस्थल स्वच्छता अभियान से लेकर 138 संस्थानों में स्कूल-स्तरीय स्वच्छता गतिविधियाँ, 12 बाज़ारों में बाज़ार संघों द्वारा संचालित पहल, 15 झुग्गी-झोपड़ियों के क्लस्टर क्षेत्रों में श्रमदान और 62 बागवानी स्थलों पर वृक्षारोपण गतिविधियाँ शामिल है। 

जनता का उत्साह 'सेल्फी संग संकल्प' अभियान को मिली ज़बरदस्त प्रतिक्रिया में परिलक्षित हुआ है, जिसमें 11,000 से ज़्यादा हस्ताक्षर और 13,800 से ज़्यादा नागरिकों द्वारा स्वच्छता शपथ ली गई। 

एनडीएमसी ने 10 आरडब्ल्यूए, 46 अस्पतालों और औषधालयों, और छह धार्मिक संस्थानों को भी इसमें शामिल किया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि नागरिक ज़िम्मेदारी का संदेश नई दिल्ली क्षेत्र के विविध सामुदायिक स्थानों तक पहुँचे। 

अपशिष्ट प्रसंस्करण में उल्लेखनीय सुधार: इस अभियान का प्रभाव नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW) के आँकड़ों में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में दैनिक अपशिष्ट संग्रहण और प्रसंस्करण जुलाई में 325 टन प्रतिदिन (टीपीडी) से बढ़कर अगस्त 2025 में 348 टन प्रतिदिन हो गया है, जो 7.08 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि न केवल संग्रहण दक्षता में वृद्धि के कारण है, बल्कि स्रोत पृथक्करण उपायों के प्रति बढ़ती जागरूकता और अनुपालन के कारण भी है। 

नेतृत्व और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी: वरिष्ठ जनप्रतिनिधि इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हुए हैं। 5,000 एनडीएमसी स्कूली छात्रों के साथ एक तिरंगा यात्रा, जिसमें दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री ने भाग लिया, और उनके नेतृत्व में एक तिरंगा रैली ने इस पहल के मूल में निहित देशभक्ति के उत्साह को रेखांकित किया। इसके अलावा, एनडीएमसी के उपाध्यक्ष, परिषद के सदस्य, जिला मजिस्ट्रेट और दिल्ली के मुख्य सचिव ने श्रमदान और जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया, जिससे अभियान के सहयोगात्मक चरित्र को बल मिला। 

अनुपम कॉलोनियाँ: आदर्श शून्य-अपशिष्ट पड़ोस: 

इस अभियान का एक महत्वपूर्ण आकर्षण दो कॉलोनियों - भारती नगर और सत्य सदन, चाणक्यपुरी - को 'अनुपम कॉलोनियाँ' घोषित करना रहा है, जो एनडीएमसी के स्थायी शहर के दृष्टिकोण के तहत आदर्श शून्य-अपशिष्ट आवास हैं। आराधना कॉलोनी और न्यू मोतीबाग को अगली अनुपम कॉलोनियाँ घोषित करने की योजनाएँ चल रही हैं। ये पहल पड़ोस स्तर पर चक्रीय ( रीसाइक्लिंग) अपशिष्ट प्रबंधन के अनुकरणीय मॉडल को प्रदर्शित करती हैं। 

बाजार पर ध्यान और विकेन्द्रीकृत अपशिष्ट समाधान: 

व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्रों में अत्यधिक कूड़ा-कचरा फैलाने की चुनौती को देखते हुए, एनडीएमसी ने 'रोको टोको अभियान' और कूड़ा-मुक्त बाजार अभियान शुरू किया है, जिसमें प्रवर्तन उपायों और नागरिक जागरूकता को शामिल किया गया है। 

इसके समानांतर, परिषद कई स्थानों पर सूक्ष्म सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएँ (एमएमआरएफ) सह 'आरआरआर' केंद्र संचालित कर रही है - जिनमें बंगाली मार्केट (फुटवियर), मेजर ध्यानचंद स्टेडियम (पेपर रीसाइक्लिंग), कनॉट प्लेस (प्लास्टिक), खान मार्केट (ई-कचरा), और मालचा मार्ग (कपड़ा) शामिल हैं। प्रत्येक सुविधा एक विशिष्ट अपशिष्ट प्रवाह में विशेषज्ञता रखती है, जिससे लैंडफिल पर दबाव कम करते हुए कुशल पृथक्करण, पुनर्प्राप्ति और पुनर्चक्रण सुनिश्चित होता है। 

क्षमता निर्माण और कल्याणकारी उपाय: इस अभियान में सफाई कर्मचारियों के कल्याण और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के व्यवस्थित प्रशिक्षण को भी प्राथमिकता दी गई है। सभी पालिका सहायक अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान (AIILSG) के साथ साझेदारी में दो दिवसीय गहन प्रमाणन कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। पाठ्यक्रम में अपशिष्ट पृथक्करण, स्वच्छता के सर्वोत्तम तरीकों और सुरक्षा उपायों पर कक्षा और जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण शामिल है। इसके अलावा, 14 सर्कल्स में सफाई कर्मचारियों की दैनिक स्वास्थ्य जाँच की जा रही है, जिससे व्यावसायिक स्वास्थ्य और चिकित्सा समस्याओं का शीघ्र पता लगाना सुनिश्चित हो रहा है। 

जागरूकता और सामुदायिक जुड़ाव: जमीनी स्तर पर किए जा रहे कार्यों के पूरक के रूप में, एनडीएमसी ने एक सशक्त जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसमें आठ स्थानों पर एलईडी वैन अभियान (20 और स्थानों की योजना है), स्कूल प्रदर्शनियाँ, पुनर्चक्रित ( रिसायकल) बैग बनाने की कार्यशालाएँ और अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस समारोह शामिल हैं। देशभक्ति की भावना को नागरिक कर्तव्य के साथ जोड़ने के लिए 44 तिरंगा रैलियों की श्रृंखला आयोजित की गई है। 

सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश : अभियान की प्रगति पर बोलते हुए, एनडीएमसी अध्यक्ष ने कहा है कि , - "दिल्ली को कूड़े से आज़ादी केवल एक स्वच्छता अभियान नहीं है, बल्कि स्थायी नागरिक व्यवहार का आह्वान है। नागरिकों, स्कूलों, बाज़ारों और आरडब्ल्यूए की उत्साहपूर्ण भागीदारी दर्शाती है कि ज़िम्मेदारी साझा करने पर एक स्वच्छ दिल्ली संभव है। हमारा उद्देश्य स्वच्छता को केवल एक मौसमी गतिविधि नहीं, बल्कि एक स्थायी आदत बनाना है।" 

आगे की राह : अधिक जागरूकता कार्यक्रमों, विस्तारित एमएमआरएफ केंद्रों और बाज़ार-स्तरीय हस्तक्षेपों के साथ अभियान का विस्तार जारी रहेगा। एनडीएमसी ने स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए, फुटपाथों की गीली सफाई के साथ-साथ अधिक भीड़-भाड़ वाले बाज़ारों में शाम और रात में सफाई अभियान भी शुरू किया है। 

जनसाधारण की व्यापक भागीदारी, मापनीय अपशिष्ट प्रसंस्करण प्रभाव, व्यवहार परिवर्तन पहल और सफाई कर्मचारियों के लिए कल्याण के साथ, दिल्ली को कूड़े से आज़ादी अभियान ने राष्ट्रीय राजधानी के हृदय स्थल में स्थायी शहरी स्वच्छता के लिए एक मिसाल कायम की है। 

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