अयोध्या के बाद अब चमकेगा पुनौरा धाम, माता सीता के जन्मस्थान का होगा भव्य दर्शन

सीतामढ़ी
बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौरा धाम अब एक आम धार्मिक स्थल नहीं रह जाएगा। इसे एक विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की महात्वाकांक्षी योजना एक कदम आगे बढ़ गई है। माता सीता की जन्मस्थली पर अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बनने वाला यह मंदिर परिसर न सिर्फ श्रद्धा का केंद्र बनेगा, बल्कि सीतामढ़ी शहर से भी विकसित और विस्तृत धार्मिक नगरी के रूप में उभरेगा। बिहार सरकार ने इसके लिए ₹882 करोड़ 87 लाख की योजना को स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत मंदिर परिसर के समग्र विकास हेतु 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत ₹165 करोड़ 57 लाख आंकी गई है। इस भूमि को मिलाकर अब पुनौरा धाम का कुल क्षेत्रफल 67 एकड़ हो जाएगा — जो नियोजित विकास, सुविधाओं और धार्मिक महत्ता के मामले में मौजूदा सीतामढ़ी शहर से कहीं ज्यादा सुव्यवस्थित और व्यापक होगा।
सीतामढ़ी स्टेशन और बस स्टैंड से 5 किलामीटर दूर है मंदिर
पुनौरा धाम सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से लगभग 5 किलोमीटर पश्चिम स्थित है। यह स्थल पहले से ही धार्मिक महत्व का केंद्र रहा है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु माता जानकी की जन्मस्थली के दर्शन के लिए आते रहे हैं। आने वाले समय में यह स्थल भव्यता और आधुनिकता का प्रतीक बनेगा। मंदिर परिसर को वही वास्तुशिल्प फर्म डिज़ाइन कर रही है, जिसने अयोध्या का राम मंदिर बनाया है। प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई 156 फीट होगी, जो अयोध्या के मंदिर से मात्र 5 फीट कम होगी। क्षेत्रफल और सुविधाओं के लिहाज़ से यह परियोजना किसी भी राष्ट्रीय धार्मिक केंद्र से कम नहीं होगी।
मंदिर परिसर में कहां-क्या होगा, यह भी जानना चाहिए
बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद् के अध्यक्ष प्रो. रणवीर नंदन बताते हैं कि परिसर के पूर्वी छोर पर मुख्य प्रवेश द्वार और स्वागत केंद्र होगा। उत्तर दिशा में यात्री सुविधाएं और पुस्तकालय, दक्षिण में भंडारा स्थल और यज्ञ मंडप, जबकि पश्चिम दिशा में जानकी कुंड और म्यूजियम स्थित होंगे। मंदिर परिसर का मुख्य गर्भगृह मध्य में स्थित होगा, जिससे सभी दिशाओं से प्रवेश संभव होगा। श्रद्धालु सबसे पहले उत्तर दिशा में स्थित मुख्य प्रवेश द्वार से परिसर में प्रवेश करेंगे। यहां सुरक्षा जांच, स्वागत केंद्र, जानकारी काउंटर और नक्शा मार्गदर्शिका मिलेगी। वहां से श्रद्धालु सीधे मंदिर मार्ग, वाटिका, कुंड, और यज्ञ मंडप की ओर बढ़ेंगे। ई-कार्ट सेवा विशेषकर बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों के लिए सुलभ रहेगी।
पर्यटन स्थल नया रूप लेगा, रोजगार की संभावना भी बनाएंगी माता जानकी
माता सीता के जन्मस्थल का दर्शन अब अधिक भव्य और सुविधाजनक होगा। रामायण सर्किट में एक मुख्य पड़ाव के रूप में पुनौरा धाम को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। निर्माण कार्य, पर्यटन सेवा, गाइड, होटल, हस्तशिल्प, भोजनालय आदि क्षेत्रों में हजारों रोजगार मिलेगा। स्थानीय व्यापारियों, दस्तकारों और किसान उत्पादकों को सीधा लाभ मिलेगा। पुनौरा धाम नियोजित ढंग से विकसित होगा, जो सीतामढ़ी शहर की तुलना में अधिक सुव्यवस्थित और सुंदर बनेगा। वेद पाठशाला, म्यूजियम और मिथिला हाट जैसी संरचनाएं स्थानीय पहचान को सहेजेंगी। पुनौरा धाम का कायाकल्प सिर्फ एक मंदिर निर्माण नहीं, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक चेतना का पुनर्जागरण है। अयोध्या में राम मंदिर की तरह ही, अब सीता माता की जन्मभूमि पर भी एक भव्य, दिव्य और विस्तृत मंदिर परिसर आकार ले रहा है। पुनौरा धाम न केवल श्रद्धा का केंद्र बनेगा, बल्कि सीतामढ़ी से आगे निकलकर एक नियोजित धार्मिक नगरी के रूप में विकसित होगा। यह परियोजना बिहार को गौरव, आस्था और अवसरों से जोड़ने वाली एक स्वर्णिम कड़ी बनकर उभरेगी। माता जानकी की पावन भूमि अब नए युग की आस्था का प्रतीक बनने जा रही है।
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