आणंद में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी की नींव पर बोले अमित शाह: कांग्रेस को नेहरू-गांधी परिवार के सिवा कुछ याद नहीं

Jul 5, 2025 - 15:14
 0  6
आणंद में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी की नींव पर बोले अमित शाह: कांग्रेस को नेहरू-गांधी परिवार के सिवा कुछ याद नहीं

अहमदाबाद 
गुजरात के आणंद में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की आधारशिला रखते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने ही नेता त्रिभुवनदास किशीभाई पटेल को भुला दिया, जिन्होंने अमूल की नींव रखी और देश में सहकारिता आंदोलन को एक नई दिशा दी। शाह ने साफ किया कि लोकसभा में पेश किए गए त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी विधेयक, 2025 में इस यूनिवर्सिटी का नाम त्रिभुवनदास पटेल के सम्मान में रखा गया है, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। उन्होंने कहा, “विपक्ष को शायद यह भी नहीं पता कि त्रिभुवनदास उनकी ही पार्टी से थे। लेकिन वे नेहरू-गांधी परिवार से नहीं थे, इसलिए कांग्रेस ने उन्हें भुला दिया।”

अमूल और सहकारिता आंदोलन में त्रिभुवनदास का योगदान
अमित शाह ने बताया कि त्रिभुवनदास पटेल ने सरदार पटेल के मार्गदर्शन में अमूल की स्थापना की और वर्गीज कुरियन को डेयरी साइंस पढ़ने के लिए विदेश भेजा। इसका नतीजा यह हुआ कि आज भारत विश्व में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है। शाह ने कुरियन के योगदान को भी सराहा, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि उस पूरी सोच की शुरुआत त्रिभुवनदास पटेल के विजन से हुई थी। शाह ने यह भी बताया कि जब त्रिभुवनदास अमूल से सेवानिवृत्त हुए, तो उन्होंने अपनी सेवामुक्ति पर मिले 6 लाख रुपये फाउंडेशन को दान में दे दिए, जो उनके समर्पण का प्रतीक है।

यूनिवर्सिटी का उद्देश्य और महत्व
अमित शाह ने कहा कि यह यूनिवर्सिटी सहकारिता क्षेत्र को नई दिशा देगी। इसमें प्रबंधन, वित्त, कानून और ग्रामीण विकास से जुड़े कोर्स होंगे। यह यूनिवर्सिटी 200 से ज्यादा सहकारी संस्थाओं से जुड़कर पीएचडी, डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कराएगी। साथ ही, यह 40 लाख सहकारी कर्मियों को प्रशिक्षित कर भाई-भतीजावाद को खत्म करने में मदद करेगी।
 
मोदी सरकार की पहल और सहकारिता की मजबूती
शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद अब तक 60 नई पहलें शुरू की गई हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण विकास को गति देने के लिए हैं। पीएम मोदी ने 2 लाख नए पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां) बनाने की घोषणा की है, जिससे 17 लाख लोग जुड़ेंगे। CBSE ने भी 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में सहकारिता को शामिल किया है, जिससे युवा पीढ़ी को इस क्षेत्र से जोड़ा जा सके।
 
अमूल: सहकारिता का मॉडल
शाह ने कहा कि अमूल आज 80,000 करोड़ रुपये के टर्नओवर के साथ देश का सबसे मूल्यवान ब्रांड है, जो 36 लाख ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि वर्गीज कुरियन के जन्म शताब्दी वर्ष को अमूल और गुजरात सरकार ने मनाया, लेकिन कांग्रेस ने इस ऐतिहासिक मौके को भी नजरअंदाज कर दिया। अंत में शाह ने कहा, “त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी न सिर्फ एक शैक्षिक संस्थान है, बल्कि यह सहकारिता के जननायकों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जो ग्रामीण भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।”

 

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0