बाल गोपाल योजना में दूध पाउडर घोटाला: पांच अधिकारी निलंबित, जांच समिति का गठन

Oct 26, 2025 - 11:44
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बाल गोपाल योजना में दूध पाउडर घोटाला: पांच अधिकारी निलंबित, जांच समिति का गठन


जयपुर

राजस्थान में पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत वितरित दूध पाउडर की कालाबाजारी करने वाले सरकारी स्कूल के पांच शिक्षकों को निलंबत कर दिया है।  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर  इस मामले में  तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, राजस्थान सिविल सेवा (CCA) नियम 1958 की धारा 13(1) के तहत निलंबित अधिकारियों में शामिल हैं —

    शीला बलई (शिक्षिका, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जाटों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर),

    सुरेश कुमार (प्रबोधक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नागनेशियों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर),

    मंगलाराम (वरिष्ठ शिक्षक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भारी नगर, बावड़ी, जोधपुर),

    पप्पूराम गोदारा (व्याख्याता, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, नागाणा फांटा, बालोतरा), और

    राजेश मीणा (प्रधानाध्यापक, मनमोरों की ढाणी)।

जांच समिति को स्कूल शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधीन कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। समिति चार दिन में दुरुपयोग की शिकायतों की पुष्टि, साक्ष्य संकलन और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। अगर जांच में अन्य अधिकारी या शिक्षक शामिल पाए गए, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को निर्देश दिया है कि तीन दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट सौंपें। साथ ही पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (PEEO) और शहरी क्लस्टर प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (UCEEo) को प्रत्येक दो विद्यालयों का निरीक्षण कर राज्यभर के लगभग 22,500 स्कूलों की स्थिति की रिपोर्ट देने को कहा गया है।

स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुनाल ने बताया कि सभी स्कूलों में स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने के भी आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, “अगर सत्यापन के दौरान कोई अनियमितता पाई गई, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को स्किम्ड मिल्क पाउडर से तैयार गरम दूध पिलाया जाता है, ताकि बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हो सके। इस योजना से वर्तमान में लगभग 57 लाख छात्र लाभान्वित हो रहे हैं, जिस पर सरकार हर साल करीब ₹722 करोड़ रुपये खर्च करती है।

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