मध्यप्रदेश के 20 उत्पादों के जीआई टैगिंग प्रक्रिया के लिये एमओयू हुआ

Jun 10, 2025 - 16:44
 0  6
मध्यप्रदेश के 20 उत्पादों के जीआई टैगिंग प्रक्रिया के लिये एमओयू हुआ

भोपाल
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत राज्य नोडल एजेंसी, मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम द्वारा विश्व बैंक समर्थित आरएएमपी योजना के अंतर्गत जीआई टैगिंग के लिए राज्य स्तरीय परामर्श बैठक मंगलवार को लघु उद्योग निगम के कान्फ्रेंस हॉल में सम्पन्न हुई। कार्यशाला में मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम और ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन वाराणसी के बीच जीआई टैगिंग प्रक्रिया संबंधी एमओयू किया गया।

कार्यशाला में राज्य के पारंपरिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से विशिष्ट उत्पादों की पहचान कर उन्हें जीआई टैग दिलवाने हेतु आवश्यक विभागीय समन्वय स्थापित करने पर चर्चा हुई। इन उत्पादों को कानूनी संरक्षण, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंच और ब्रांडिंग के ज़रिये व्यापक पहचान दिलवाने पर भी विमर्श हुआ। आयुक्त एमएसएमई श्री दिलीप कुमार ने विभागों से योजना के तहत बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया तथा देश को होने वाले फायदों पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला में कृषि, हस्तशिल्प, वनोपज, वस्त्र एवं खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में पारंपरिक उत्पादों की जीआई टैगिंग के लिए पहचान करना, जीआई पंजीकरण प्रक्रिया संबंधी आवश्यक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दस्तावेजों का संकलन और विभागीय समन्वय के माध्यम से एक साझा कार्य योजना बनाने के साथ आगामी वर्ष में 20 उत्पादों की जीआई फाइलिंग करने पर चर्चा हुई। जीआई उत्पादों को एक जिला-एक उत्पाद नीति से जोड़ते हुए बाज़ार और ब्रांडिंग के अवसरों को बढ़ावा देने पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत में जीआई टैगिंग विशेषज्ञ एवं ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन, वाराणसी के कार्यकारी निदेशक डॉ. रजनीकांत ने जीआई टैगिंग की प्रक्रिया, कानूनी ढांचा, और देशभर में हुए सफल जीआई पंजीकरणों की जानकारी साझा की। बनारसी साड़ी, चंदेरी वस्त्र और मधुबनी पेंटिंग जैसे उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने बताया कि जीआई टैगिंग से कैसे न केवल उत्पादों को सुरक्षा मिलती है बल्कि कारीगरों और किसानों की आजीविका भी सशक्त होती है।

कार्यशाला में राज्य के विभिन्न विभागों और संस्थानों से वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें वन विभाग, सिडबी, मत्स्य विभाग, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग, हस्तशिल्प एवं हथकरघा संचालनालय, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर, अनुसूचित जाति विकास, मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ, पशुपालन, रेशम संचालनालय आदि ने सहभागिता की। अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों के विशिष्ट उत्पादों की सूची साझा की, जो जीआई पंजीकरण के योग्य है। एमओयू राज्य के लगभग 20 पारंपरिक उत्पादों के जीआई टैगिंग के लिये तकनीकी सहयोग, दस्तावेज़ीकरण, आवेदन प्रक्रिया, प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। रैंप नोडल अधिकारी श्री अनिल थागले ने सभी विभागों से अनुरोध किया कि वे ऐसे विशिष्ट उत्पादों के नाम बताये जिन्हें जीआई टैगिंग प्रक्रिया में आगे बढाया जा सकता हो।

 

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0