सोनाल शांति का बाबूलाल मरांडी पर करारा हमला, बोले - लोकतंत्र की बातें शोभा नहीं देतीं

Jul 20, 2025 - 13:44
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सोनाल शांति का बाबूलाल मरांडी पर करारा हमला, बोले - लोकतंत्र की बातें  शोभा नहीं देतीं

रांची

लोकतंत्र की आत्मा को तार-तार करने वाली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के मुख से लोकतंत्र की गरिमा की बातें शोभा नहीं देता। झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकारों की चोरी करने वाले अब मतदाताओं के मतदान का अधिकारों पर डाका डालने की कोशिश संवैधानिक संस्थाओं के माध्यम से कर रहे हैं। संविधान को बदलने का सपना पालने वाली भाजपा लोकतंत्र और संविधान की दुहाई किस मुंह से दे रही है।

"नगर निकाय चुनाव के मामले में मरांडी जानबूझकर धृतराष्ट्र बने हुए हैं"
शांति ने कहा कि झारखंड में महागठबंधन सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं की गरिमा को हमेशा बनाए रखा है। देश का जनतंत्र देख रहा है कि किस प्रकार चुनाव आयोग जैसी संस्था को बंधक बनाकर अपने अनुकूल मतदाता की परिभाषा भाजपा गढ़ रही है। ईडीसीबीआई जैसी संस्थाओं को अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति का हथियार बना लिया गया है जिसका प्रयोग विरोधी दलों के नेताओं के विरुद्ध किया जा रहा है। हर संवैधानिक संस्था को अपनी जेबी संस्था समझने वालों को झारखंड की जनता ने करारा जवाब दिया है जिसकी गूंज आज भी भाजपा नेताओं के कानों में है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में नगर निकायों को भ्रष्टाचार का सिंबल बना दिया था। नगर निकाय चुनाव के मामले में बाबूलाल मरांडी जानबूझकर धृतराष्ट्र बने हुए हैं। सरकार ने नगर निकाय चुनाव के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर वाडरं का परिसीमन कर लिया था परंतु बगैर ट्रिपल टेस्ट कराये नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने पर भाजपा के सहयोगी दल आजसू के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी जिससे नगर निकाय चुनाव का रास्ता अवरुद्ध हो गया था।

शांति ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार सरकार ने ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की जिसमें लोकसभा विधानसभा चुनाव सहित कई कारण से विलंब हुआ। माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी के आलोक में राजनीति करने से बाबूलाल मरांडी को परहेज करना चाहिए। नगर निकाय को 'नगद निकाय' में बदलने वाली भाजपा को अपना शासन काल याद रखना चाहिए जिसमें नगर विकास मंत्री, मेयर, डिप्टी मेयर सहित अधिकांश पार्षद भाजपा से संबंधित थे परंतु पूरे झारखंड में नगर निकाय निकायों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में अव्यवस्थाएं सर चढ़कर बोल रही थी, विकास के नाम पर राशि की लूट पूरे झारखंड में संगठित तरीके से की जा रही थी। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में झारखंड के नगर निकायों को गिनती में भी रखने से रेटिंग एजेंसियां परहेज करती थी परंतु महागठबंधन के सरकार में नगर निकायों को पीपुल्स फ्रेंडली बनाया गया है जिसका परिणाम है कि विभिन्न नगर निकायों को कई क्षेत्रों में बेहतर रैंकिंग मिली है।

 

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