सिवनी से गुजरात तक जुड़ी ज़िंदगी की डोर, भोपाल का लीवर बनेगा संजीवनी

Aug 7, 2025 - 14:44
 0  6
सिवनी से गुजरात तक जुड़ी ज़िंदगी की डोर, भोपाल का लीवर बनेगा संजीवनी

जबलपुर
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में एक ब्रेन डेड मरीज के अंगदान ने कई लोगों को नया जीवन देने का प्रयास किया है। महत्वपूर्ण है कि घंसौर में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद 34 साल के युवक सत्येंद्र यादव को मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां बुधवार रात डॉक्टर ने ब्रेनडेड घोषित कर दिया था। ग्रीन कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया गुरुवार सुबह शुरू हो चुकी थी। हालांकि दो बार समय में संशोधन के बाद सबसे पहले ह्दय ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दोपहर बाद 3:40 पर डुमना विमानतल के लिए रवाना हुआ, जहां से एयर एंबुलेंस की मदद से अहमदाबाद स्थित सिम्स अस्पताल भेजा गया।
 
दूसरा कॉरिडोर शाम 4:18 बजे लिवर डुमना विमानतल के लिए बनाया गया। लीवर लेकर सिद्धांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भोपाल के लिए एयर एंबुलेंस ने उड़ान भरी। मरीज के अंगों को सुरक्षित निकालने के बाद उन्हें राजधानी भोपाल और अहमदाबाद भेजने की प्रक्रिया सुबह से मेडिकल कॉलेज परिसर में जारी थी।
एक व्यक्ति के अंगों से तीन लोगों को मिलेगी जिंदगी

मरीज सत्येंद्र यादव का ब्रेनडेड हो गया था, मेडिकल डॉक्टरों ने मरीज के स्वजन से बात की और अंगदान के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद मरीज के स्वजन तैयार हुए और अंगदान की प्रक्रिया पूरी की गई। अंगदान करने वाले सत्येंद्र का ह्दय, लीवर और किडनी दान किया गया है। मरीज का दिल गुजरात के अहमदाबाद में एक जरूरतमंद मरीज के लिए भेजा जा गया है। लीवर को भोपाल भेज रहे हैं, जहां के एक मरीज को यह नया जीवन देगा। एक किडनी जबलपुर में ही किसी जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट की जाएगी, जबकि दूसरी किडनी को भी सुरक्षित रखा गया है।

ग्रीन कॉरिडोर से कम समय में पहुंचे अंग
अंगों को समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन के सहयोग से मेडिकल अस्पताल से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस कॉरिडोर के जरिए एंबुलेंस को बिना किसी रुकावट के एयरपोर्ट तक पहुंचाने विशेष इंतजाम किए गए थे। ताकि अंगों को तुरंत एयर एंबुलेंस से भेजा जा सके।

ग्रीन कारिडोर को कैसे समझें
दोपहर बाद दो ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और मेडिकल से एंबुलेंस के माध्यम से लिवर व ह्दय डुमना के लिए रवाना हुए, जिसके लिए एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज से निकलकर बरगी हिल्स रामपुर का रूट होते हुए सीएमएम, सिविल लाइन से डुमना पहुंची। ट्रैफिक को देखते हुए शहर के अंदर के रूट को छोड़कर बाहर से रूट तैयार किया गया था। मैं मरीज के स्वजन को धन्यवाद देना चाहूंगा, जिनकी सहमति से हम दो मरीजों को जीवन दान देने के प्रयास में सहयोगी बन सके। किडनी को अभी सुपर स्पेशियलिटी में सुरक्षित रखा गया है, जो कि जरूरतमंद को लगाई जा सकेगी- डॉक्टर नवनीत सक्सेना, डीन एनएससीबी मेडिकल कालेज जबलपुर।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0