20वें वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन में उतरने को तैयार विराट भूषण और सुवीर खुराना की अदम्य जिजीविषा

नई दिल्ली, 09 सितम्बर 2025: वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन (VDHM) के हाल ही में लॉन्च हुए VDHM स्टार्स क्लब के सबसे बड़े धावक सितारे विराट भूषण और सुवीर खुराना अब इस प्रतिष्ठित वर्ल्ड एथलेटिक्स गोल्ड लेबल रेस के ऐतिहासिक 20वें संस्करण में हिस्सा लेने को तैयार हैं। यह दोनों धावक बीते 20 सालों से इस आयोजन का एक भी संस्करण नहीं छोड़े हैं।
पिछले महीने लॉन्च किया गया VDHM स्टार्स क्लब उन सबसे समर्पित धावकों को सम्मानित करता है जिन्होंने हाफ मैराथन (21.097 किमी) की दौड़ को 15 बार या उससे अधिक पूरा किया है। विराट और सुवीर इस क्लब के सबसे विशेष सदस्य हैं, जो 2005 से हर साल इस दौड़ का हिस्सा बने हुए हैं। इस खास 40 सदस्यीय क्लब में ऐसे जुनूनी और लगातार दौड़ने वाले धावक शामिल हैं जो लंबी दूरी की दौड़ की असली भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे सक्रिय जीवनशैली के एंबेसडर भी बन गए हैं। इनमें से विराट और सुवीर ने अब तक सभी 19 संस्करण पूरे किए हैं। वहीं, महिला धावकों में रश्मि मोहंती और श्रुति सक्सेना सबसे सशक्त सदस्य हैं, जो इस बार 12 अक्टूबर को अपना 15वां VDHM दौड़ेंगी।
63 वर्षीय दिल्ली के विराट उस उम्र में भी दौड़ को जीवन का हिस्सा मानते हैं, जब ज़्यादातर लोग आराम और सुकून की ज़िंदगी की कल्पना करते हैं। वे कहते हैं –
"साल 1978 से मैंने दौड़ को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। अब रुकना नहीं है, कोई अंत नहीं है, कोई फिनिश लाइन नहीं है। यह लगातार चलने वाली चीज़ है – मेरी यात्रा का हिस्सा, एक निरंतरता।"
मुंबई के 54 वर्षीय सुवीर का सफर थोड़ा अलग रहा। उनका कहना है कि दौड़ ने उनके जीवन में अनुशासन भर दिया है।
"मैं कभी धावक नहीं था। बचपन में मेरे वज़न को लेकर मज़ाक उड़ाया जाता था। शुरुआत में मेरे लिए वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन केवल अनुशासन बनाए रखने का ज़रिया था। न कोई इनाम की उम्मीद थी, न पहचान की। लेकिन आज, जब 20वें साल पर VDHM स्टार्स क्लब बना, तो यह मेरे लिए मेरी अनुशासन की यात्रा का सबसे बड़ा पुरस्कार जैसा है।"
जब दिल्ली के इस सालाना आयोजन के बारे में पूछा गया तो दोनों ने वेदांता और प्रो-कैम के आयोजन की खूब तारीफ की। विराट ने कहा –
"2005 में कुछ सौ धावकों से शुरू हुआ यह आयोजन अब हज़ारों लोगों तक पहुँच चुका है, और अब तो एंट्री पाने में भी मुश्किल होती है। वेदांता और प्रो-कैम ने बेहतरीन काम किया है। इस दौड़ ने पूरे देश में दौड़ने की संस्कृति को बढ़ाया है और यह एक बड़ा आंदोलन बन चुका है।"
सुवीर ने भी सहमति जताते हुए कहा –
"यह दुनिया की सबसे अच्छी तरह से आयोजित मैराथनों में से एक है। मैं दिल्ली का नहीं हूँ, फिर भी पिछले 20 सालों से मुंबई से हर साल सिर्फ इस दौड़ के लिए दिल्ली आता हूँ। यह अनुभव मेरे लिए बेहद खास है।"
जब उनसे पूछा गया कि इस दौड़ की सबसे अच्छी बात क्या लगती है, तो विराट ने कहा –
"दिल्ली की दौड़ में सबसे अच्छा है कि हम सब साथ दौड़ते हैं। यह भले ही व्यक्तिगत खेल है, लेकिन इसमें एक टीम, एक ग्रुप का अहसास होता है। अंत में मुश्किल ज़रूर होती है, लेकिन यह बेहद आनंददायक होता है।"
सुवीर के लिए यह परिवार और दोस्तों से जुड़ने का मौका भी है।
"दिल्ली मेरा घर है, यहाँ मेरा परिवार और स्कूल के दोस्त रहते हैं। मेरे लिए यह हमेशा एक उत्सव जैसा होता है—दौड़ से पहले मिलना-जुलना, और बाद में दिल्ली का खाना। मैंने अब तक 60 से अधिक मैराथन दौड़ी हैं, जिनमें से एक-तिहाई वेदांता दिल्ली हाफ मैराथन रही हैं।"
20वां संस्करण बस एक महीने दूर है और विराट व सुवीर फिर एक बार दिल्ली की सड़कों पर उतरने और इतिहास रचने को तैयार हैं।
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