झारखंड में आजसू पार्टी 22 जून को 'बलिदान दिवस' के रूप में मनाएगी

Jun 13, 2025 - 16:44
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झारखंड में आजसू पार्टी 22 जून को 'बलिदान दिवस' के रूप में मनाएगी

रांची

झारखंड में आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने कहा कि 22 जून को पार्टी 'बलिदान दिवस' के रूप में मनाएगी। यह दिन पार्टी के ऐतिहासिक योगदान और झारखंड आंदोलन के शहीदों को समर्पित होगा। इस अवसर पर केंद्रीय स्तर पर समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। महतो ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए यह जानकारी दी। बैठक में महतो के अलावा सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक निर्मल महतो, पूर्व विधायक लंबोदर महतो, डॉ देवशरण भगत, प्रवीण प्रभाकर, हसन अंसारी, बुद्धिजीवी मंच के अध्यक्ष डोमन सिंह मुंडा, मुकुंद चंद्र मेहता आदि नेता उपस्थित थे।

बैठक में कई अहम राजनीतिक, सामाजिक और सांगठनिक निर्णय लिए गए। पार्टी ने सभी जिला अध्यक्षों और केंद्रीय नेताओं को निर्देश दिया है कि वे बलिदान दिवस को लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें और अधिकतम संख्या में कार्यकर्ताओं को 22 जून के आयोजन में शामिल करना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ता और नेता एकजुट होकर झारखंड की अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पित होंगे। पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने कहा, 'बलिदान दिवस न केवल हमारी विरासत को याद करने का दिन होगा, बल्कि यह आत्ममंथन का भी अवसर होगा कि झारखंड गठन के बाद आज राज्य की स्थिति क्या है और क्या यह वास्तव में जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरा है।

बैठक में राज्य की मौजूदा वित्तीय स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई। पार्टी ने सरकार को सुझाव दिया कि वित्तीय प्रबंधन में सुधार करे और राज्य के संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करे। महतो ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने पेसा कानून के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की सुस्ती पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अभी तक इस कानून की नियमावली भी नहीं बनाई गई है। तैयार ड्राफ्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। मूलवासी और आदिवासी जनता के अधिकारों के प्रति सरकार गंभीर नहीं है। इसके अलावा महतो ने झारखंड में हुए शराब घोटाले पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यह घोटाला राज्य की सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार का प्रतीक है। इस घोटाले में सरकार की संलिप्तता बहुत अंदर तक है जिसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।

 

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