सीएम डॉ. मोहन का बिहार में तूफ़ानी प्रचार — बोले, ये जंग परिवारवाद बनाम राष्ट्रवाद की!

Nov 2, 2025 - 14:44
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सीएम डॉ. मोहन का बिहार में तूफ़ानी प्रचार — बोले, ये जंग परिवारवाद बनाम राष्ट्रवाद की!

भोपाल/पटना

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2 नवंबर को मधुबनी और पटना जिले में धुआंधार प्रचार किया। उन्होंने मधुबनी की फुलरास विधानसभा से चुनाव लड़ रहीं शीला कुमारी और पटना की फतुहा विधानसभा से मैदान में उतरीं रूपा कुमारी के लिए रोड़ शो कर जनता से समर्थन मांगा। उन्होंने जनसभाओं में कहा कि कांग्रेस को प्रत्याशी ही नहीं उतारना चाहिए। क्योंकि, उसकी नजर केवल वोट पर है, जनहित पर नहीं।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने जनता से कहा कि जब कांग्रेसी घर आएं और कहें कि वे भी भगवान राम के भक्त हैं तो उनसे सवाल कीजिए। उनसे कहिए के वे मथुरा में भगवान कृष्ण के मंदिर का समर्थन करें। मध्यप्रदेश के मुखिया ने कहा कि ये चुनाव परिवारवाद और राष्ट्रवाद के बीच लड़ाई है। आपका उत्साह बता रहा है कि जब चुनाव का रिजल्ट निकलेगा तो हमारी बहनें विजयी होंगी। आइए हम सब संकल्प करें कि जब तक एक-एक वोट हमारे पक्ष में नहीं पड़ जाए, तब तक शांति से नहीं बैठेंगे।

गौरतलब है कि, सीएम डॉ. मोहन यादव इन दिनों बिहार चुनाव में व्यस्त हैं। उनका जनता पर सकारात्मक प्रभाव है, इसलिए उन्हें स्टार प्रचारक की भूमिका दी गई है। उन्होंने यहां जनसभा में कहा कि मधुबनी नाम सुनकर ही मन प्रसन्न हो जाता है। यहां की मधुबनी पेंटिंग की बात ही अलग है। यहां का राजसी पाग सोने-चांदी के मुकुट को फीका कर देता है। चुनावी माहौल में आज यहां का वातावरण वैसा ही है, जैसा होना चाहिए। बड़ी संख्या में बहनें बैठी हैं। हमारी शीला बहन आपकी जांची परखी उम्मीदवार हैं। वे चूल्हा-चौके से लेकर मंत्रालय तक संभालती हैं। भारतीय माताओं-बहनों को जो काम दो, वो बहुत अच्छे से करती हैं। माताएं-बहनें हमारे लिए पूजनीय हैं। दुनिया के अंदर 200 से ज्यादा देश हैं, उनमें से केवल भारत है जो पृथ्वी को मातृ सत्ता से जोड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माताओं-बहनों के लिए बहुत काम कर रहे हैं। आने वाले 2029 के बाद माताओं-बहनों को संसद-विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण मिलने वाला है।

कांग्रेस पर जमकर बरसे सीएम डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ये कर्पूरी ठाकुर की धरती है। उनका भारत रत्न से सम्मान किसी ने किया, तो वो एनडीए है। हमारे नायक ने छोटे से छोटे आदमी को भी लोकतंत्र के साथ खड़ा करके आगे किया। बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ता है कि कांग्रेस केवल वोट मांगती है। लेकिन, जब कभी भी भारत रत्न का मौका आया, तो अपने खानदान के अलावा उसे कुछ और नहीं दिखता। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी फिर राजीव गांधी को भारत रत्न दिया। सारे भारत रत्न घर में ही ले आए। जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग्य लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि गरीब परिवार का आदमी जो भी अच्छा काम करता है उसे आगे बढ़ना चाहिए। ये केवल एनडीए वाले कर सकते हैं। बंगाल के रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अच्छा काम किया। उनको भी अगर कोई भारत रत्न दे सकता है, तो वो केवल एनडीए की सरकार है। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास ही एनडीए का मंत्र है।

कांग्रेस को रहना चाहिए चुनाव से दूर

सीएम डॉ. मोहन ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में बहनों को दस हजार क्या दिए कांग्रेस हाय रे-हाय रे करने लगी। इनको लगा कि इनकी जेब कट गई। वो छाती पीट रहे हैं। कांग्रेस ने कभी बहनों के लिए कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तो केवल दस हजार रुपये दिए हैं, आगे जाकर सभी बहनों को दो लाख रुपये देंगे। सीमा पर जवान और खेत में किसान, इन दोनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समान भाव से देखते हैं। उन्होंने देश में पहली बार किसानों को सम्मान निधि दी। किसानों की मेहनत से पूरे देश का पेट भरता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी मां सीता के ननिहाल से आते हैं। हमारे लिए भी बिहार आदर का केंद्र है। इतिहास को देखते कांग्रेस को तो अपना प्रत्याशी ही नहीं उतारना चाहिए था। उसने जो पाप भगवान राम के साथ किया है, उसके लिए उसे माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र लगाकर कहा था कि भगवान राम के जन्म का प्रमाण कहां है, किसने कहा, कौन किसकी जन्मभूमि मानेगा। कांग्रेस ने भगवान राम के मुद्दों को उलझाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद पूरे ने देश ने एकता दिखाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम के जन्म स्थान पर मंदिर का भूमिपूजन किया। जब मंदिर बना तो कहीं दंगे नहीं हुए। हिंदू-मुस्लिम ने मिलकर आनंद मनाया। कांग्रेस बताए कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी को किसी ने राम मंदिर में जाते देखा क्या। ये लोग नहीं जाएंगे, क्योंकि ये छोटी मानसिकता वाले हैं। सुप्रीम के आदेश के बाद अगर राम मंदिर के निर्माण में किसी का सबसे बड़ा योगदान है, तो वो एनडीए की सरकार है।

लक्ष्य हासिल करने तक शांति से न बैठें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद चल रहा है। उन्होंने धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया। धार्मिक पर्यटन से लोगों की जिंदगी बेहतर हो सकती है। हमारी आस्था के केंद्रों को भव्य तीर्थ बनाया जाना चाहिए। साल 2022 के बाद उज्जैन की दशा तब पूरी तरह बदल गई, जब बाबा महाकाल लोक बना। पहले वहां 30-40 लाख लोग आते थे, लेकिन अब यह संख्या 7 करोड़ से ज्यादा हो गई है। अब बिहार में माता सीता के जहां-जहां धाम हैं, वहां-वहां तीर्थ स्थान बनाए जाएंगे।

उन्होंने जनता से कहा कि जब कांग्रेसी नेता आपके दरवाजे आएं और कहें कि राम हमारे भी हैं तो उनसे कहना से तुमने तो अड़ंगे लगाए थे। तुम तो उनके जन्म के प्रमाण पूछ रहे थे, ये सारे पाप तुम्हारे हैं। उनसे कहना कि पिछला भूल जाओ और है दम तो अब कह दो कि मथुरा में धूमधाम से मंदिर बनाएंगे। लेकिन, कांग्रेसी ये नहीं बोल सकते, क्योंकि ये केवल वोट के भूखे हैं। हमारी पार्टी केवल सबका साथ-सबका विकास बोलती नहीं है, बल्कि करती भी है। हमारी पार्टी एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो किसी भी कार्यकर्ता को बिना जाति देखे ऊंचा पद दे देती है। मैं यदुवंश का हूं। उसके बाद भी पार्टी ने मुझे विधायक बनाया, मंत्री बनाया, मुख्यमंत्री बनाया। हमारी पार्टी सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। दूसरी पार्टी ये करके दिखाए।  ये चुनाव परिवारवाद और राष्ट्रवाद के बीच लड़ाई है। आपका उत्साह बता रहा है कि जब चुनाव का रिजल्ट निकलेगा तो हमारी बहन विजयी होंगी। आइए हम सब संकल्प करें कि जब तक एक-एक वोट हमारे पक्ष में नहीं पड़ जाए, तब तक शांति से नहीं बैठेंगे।

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