भारत को 'डेड इकोनॉमी' कहने वाले ट्रंप के बयान के बावजूद, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और टेस्ला जैसी अमेरिकी कंपनियों का भारत में निवेश

Dec 12, 2025 - 03:44
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भारत को 'डेड इकोनॉमी' कहने वाले ट्रंप के बयान के बावजूद, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और टेस्ला जैसी अमेरिकी कंपनियों का भारत में निवेश

 नई दिल्‍ली

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने जुलाई 2025 में भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था और साथ ही भारतीय इकोनॉमी को 'डेड इकोनॉमी' कहा था. लेकिन अब अमेरिकी कंपनियां ही भारत में अपना कारोबार फैला रही है और इन कंपनियों ने लाखों करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है. 

माइक्रोसॉफ्ट से लेकर अमेजन, गूगल और ओपेनएआई जैसी कंपनियों ने बड़े निवेश का ऐलान किया है. माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्‍य नडेला ने भारत में 17.5 अरब डॉलर यानी 1.57 लाख करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है, जो भारत के AI मार्केट को बढ़ाएगी. 

अमेजॉन का बड़ा निवेश 
माइकोसॉफ्ट के एक दिन बाद 10 दिसंबर को अमेजन ने भारत में बड़े निवेश का ऐलान किया है. अमेजॉन 2030 तक देश में 35 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिससे उसके सबसे बड़े ग्‍लोबल मार्केट में से एक के साथ उसके संबंध और मजबूत होंगे. ई-कॉमर्स सेक्‍टर की यह दिग्‍गज कंपनी AI और लॉजिस्टिक्‍स इंफ्रा जैसे सेक्‍टर्स में निवेश करने और अपने क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग और क्विक कॉमर्स बिजनेस को विस्‍तार करने की योजना बना रही है. 

माइक्रोसॉफ्ट करेगी एशिया का सबसे बड़ा निवेश
माइ्क्रोसॉफ्ट ने एशिया का सबसे बड़ा निवेश करने का ऐलान किया है. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सत्‍य नडेला ने कहा कि माइक्रोसाफ्ट की 2029 तक 17.5 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना है. कंपनी ने कहा कि यह निवेश माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड और एआई विस्तार के लिए किया जाएगा.

गूगल कितना करने वाला है निवेश? 
इससे पहले अक्‍टूबर में गूगल ने आंध्र प्रदेश के विशाखापटनम में एक बड़े पैमाने पर एआई हब बनाने के लिए 15 अरब डॉलर लागत का ऐलान किया था. यह अमेरिका के बाहर कंपनी का सबसे बड़ा निवेश होगा. गूगल ने कहा था कि यह सुविधा अपने AI इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा सेंटर को रिन्‍यूवेबल एनर्जी क्षमता के साथ एकीकृत करेगी और भारत में गीगावाट-स्केल का पहला डेटा सेंटर कैंपस होगा. इस निवेश से 2030 तक 1 लाख तक नौकरियां पैदा हो सकती है. 

इंटेल, कॉग्निजेंट और OpenAI
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने इंटेल को अपने चिप प्‍लांटों में संभावित खरीदार के रूप में हासिल किया है. यह समझौता भारत की चिप उत्पादन क्षमता में इंटेल के विश्वास का संकेत देता है. कॉग्निजेंट के सीईओ रवि कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और भारत की एआई फर्स्ट पहल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है. कंपनी ने एआई को अपनाने और स्किल डेवलपमेंट में तेजी लाने की योजना का ऐलान किया है. कई रिपेार्ट में कहा गया है कि  OpenAI, Tata Consultancy Services के साथ भारत में Stargate का चैप्टर लॉन्च करने के लिए बातचीत कर रही है. 

भारत में क्‍यों आ रही ये कंपन‍ियां? 

    भारत में इंटरनेट यूजर्स, स्मार्टफोन यूज और डिजिटल सर्विस की मांग बहुत बड़ी है. इस वजह से AI सर्विस, क्लाउड-सर्विसेज़, डेटा-प्रोसेसिंग के लिए बड़ा मार्केट है. 

    AI मॉडल और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए डेटा, यूजर्स बेस और क्वालिटी नेटवर्क्स बहुत मायने रखते हैं. भारत में ये सर्विसेज मजबूत हैं और तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे निवेश के लिए एक अच्‍छा माहौल मिलता है. 

    भारत में टेक, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर डेवलप में बहुत कुशल लोग हैं. यहां ऑपरेशन और सर्वर/डेटा-सेंटर चलाने की लागत अमेरिका और अन्‍य वेस्‍ट कंट्री की तुलना में बहुत कम है.

    भारत में पहले से ही कई IT सर्विसेज, डेटा-सेंटर, क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर्स  और तेजी से बढ़ती स्टार्ट-अप कल्‍चर है . इससे US कंपनियों को अपना AI-हब, क्लाउड या मॉडल-डेवलपमेंट सेंटर खोलने में अच्‍छा प्‍लेस मिल रहा है. 

    AI और क्लाउड टेक्नोलॉजी ग्‍लोबल लेवल पर एक बड़ा ट्रेंड चल रहा है. अमेरिकी कंपनियां जैसे Microsoft, Google, Amazon आदि, चाहते हैं कि AI मॉडल, क्लाउड सर्विसेज, डेटा-हब आदि वैश्विक स्तर पर फैले. इससे इनको एक बड़ा फायदा मिल सकता है.

 

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