राजस्थान में भारी बारिश का कहर: 13 जिलों में अलर्ट, बांध टूटने से कई गांव डूबे

जयपुर
राजस्थान में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर सिस्टम बनने के बाद प्रदेश में लगातार बरसात का दौर जारी है। मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक बारिश के आसार जताए हैं। 3 सितंबर को झालावाड़, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा में भारी बरसात का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि चित्तौड़गढ़, बूंदी, कोटा, बारां, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा और अलवर में यलो अलर्ट रहेगा।
लगातार हो रही बरसात से प्रदेश के कई जिलों में हादसे सामने आए हैं। जालोर, सिरोही, दौसा, जोधपुर और प्रतापगढ़ सहित कई जगहों पर हालात बिगड़े। दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में नालावास डैम टूटने से जयपुर के कई गांव डूब गए। कोटखावदा और चाकसू तहसील के पांच से ज्यादा गांव पानी से प्रभावित हुए। सैकड़ों लोग बांध के पानी में फंस गए।
प्रतापगढ़ में भीषण बरसात के बीच एक शिक्षक पुलिया से माही नदी में गिर गया। वहीं, सवाई माधोपुर में बांध पर स्टंट कर रहा युवक बह गया। जोधपुर के तिंवरी इलाके में मंगलवार सुबह एक मकान अचानक ढह गया।
पाली जिले के सोजत-बिलाड़ा स्टेट हाईवे पर मंडला गांव के पास नदी का पानी सड़क पर चढ़ गया और एक ट्रक फंस गया। उधर, जालोर के आहोर क्षेत्र में सोमवार शाम तीन बाइक सवार एक बरसाती नाले में बह गए। इनमें से दो लोगों को बचा लिया गया, जबकि एक युवक की तलाश जारी है।
लालसोट के नालावास डैम के टूटने के बाद हालात सबसे ज्यादा गंभीर बने। बांध का पानी तेजी से गांवों में घुस गया, जिससे खेत-खलिहान जलमग्न हो गए। कई घरों में पानी भर गया और लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन ने रेस्क्यू शुरू किया। प्रभावित गांवों में हालात बिगड़ते देख पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
पिछले 24 घंटे में कई जगहों पर भारी बरसात दर्ज की गई। दौसा जिले के नांगल राजावतान में 53 मिमी, रामगढ़ पचवारा में 50, राहुवास में 31 और लवाण में 30 मिमी बारिश हुई। भरतपुर के सीकरी और नदबई में 29-29 मिमी, नागौर के नावां में 35, जयपुर के तूंगा में 34, करौली के सपोटरा में 30, अलवर के तिजारा में 25, गोविंदगढ़ में 32 और बहरोड़ में 29 मिमी बरसात दर्ज की गई।
बारां जिले के शाहबाद में 33, सवाई माधोपुर के गंगापुर सिटी में 34 और तलवाड़ा में 30 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इन आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में सबसे ज्यादा बरसात हुई है।
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मानसून ट्रफ वर्तमान में बीकानेर, जयपुर, दतिया, सीधी और पुरी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसके अलावा एक अन्य ट्रफ पंजाब, हरियाणा और नॉर्थ-ईस्ट राजस्थान से गुजर रही है। इसी कारण प्रदेश में बरसात का दौर तेज हुआ है।
उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो-प्रेशर सिस्टम बना है, जिसके चलते राजस्थान में सात सितंबर तक लगातार बारिश का सिलसिला बना रहेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान नदियों-नालों और बांधों के उफान पर आने की संभावना है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।
भारी बारिश और हादसों के मद्देनजर प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। नदियों और बांधों के पास जाने से मना किया गया है। कई जिलों में स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है और राहत-बचाव दल अलर्ट पर हैं। ग्रामीण इलाकों में पानी भरने से बिजली व्यवस्था और यातायात भी प्रभावित हुआ है।
बारिश से एक ओर जहां किसानों को राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ लगातार हो रही बरसात अब लोगों के लिए आफत बन गई है। आने वाले दिनों में मौसम का यही मिजाज बना रहा तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
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