मोहन भागवत का सीधा संदेश: भारत बड़ा हुआ तो दुनिया में हमारा स्थान क्या होगा?

Sep 12, 2025 - 13:14
 0  6
मोहन भागवत का सीधा संदेश: भारत बड़ा हुआ तो दुनिया में हमारा स्थान क्या होगा?

नागपुर 
टैरिफ और रूस से तेल आयात के चलते भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में गिरावट आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है, जिसके चलते दुनियाभर में उनकी किरकिरी हो रही है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने अमेरिका का बिना नाम लिए हुए टैरिफ को लेकर उनपर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि दुनिया में लोगों को डर लगता है कि ये बड़ा हो जाएगा तो मेरा क्या होगा?

मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में कहा, ''भारत बड़ा होगा तो हमारा स्थान कहां होगा, इसलिए लागू करो टैरिफ। हमने तो कुछ किया नहीं। जिसने किया था, उसको पुचकार रहे हैं, क्योंकि ये साथ रहेगा तो भारत पर थोड़ा दबाव बना सकते हैं। यह क्यों है, सात समंदर पार आप लोग हैं, हम यहां पर हैं। कोई संबंध तो है नहीं, लेकिन डर लगता है। मैं, मेरा के चक्कर में ये सारी बातें हो रही हैं। जब समझ में आता है कि मैं मेरा, हम हमारा है। ये सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। दुनिया को आज हल चाहिए। उन्होंने अपनी अधूरी दृष्टि के आधार पर हल निकालने का बहुत प्रयास किया, लेकिन नहीं मिला, क्योंकि मिलना संभव नहीं है।''

भागवत ने कहा कि भारत महान है और भारतीयों को भी महान बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत बड़ा है तथा वह और बड़ा होना चाहता है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अगर मनुष्य अपना रवैया ‘‘मैं’’ से ‘‘हम’’ में बदल लें तो सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे। दुनिया समाधान तलाश रही है। भागवत ने कहा कि मनुष्य और राष्ट्र जब तक अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक वे समस्याओं का सामना करते रहेंगे। नागपुर में ब्रह्माकुमारी विश्व शांति सरोवर के सातवें स्थापना दिवस समारोह में भागवत ने कहा कि ब्रह्माकुमारी की तरह ही आरएसएस भी आंतरिक चेतना को जागृत करने के लिए काम करता है। जब तक मनुष्य और राष्ट्र अपने वास्तविक स्वरूप को नहीं समझेंगे, तब तक वे समस्याओं का सामना करते रहेंगे। अगर हम करुणा दिखाएं और भय पर विजय पाएं, तो हमारा कोई शत्रु नहीं रहेगा।

बता दें कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में सिर्फ भारत से ही नहीं, बल्कि चीन-रूस समेत तमाम देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते खराब हुए हैं। दरअसल, रेसिप्रोकल टैरिफ के नाम पर ट्रंप दुनियाभर पर शुल्क लगा रहे हैं। पहले भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया, लेकिन बाद में रूस से तेल खरीदने के चलते 25 फीसदी और शुल्क लगा दिया। इससे भारत, चीन और रूस एक बार फिर से करीब आते हुए दिखाई दिए। ट्रंप को अपनी यह गलती समझ आई और हाल ही में भारत के प्रति उन्होंने अपना रुख नरम किया। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता सफल निष्कर्ष पर पहुंचेगी।

 

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0