नया साल, नई किस्मत: बस करें ये उपाय और जीवन में भर जाएंगी खुशियाँ

Dec 13, 2025 - 06:14
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नया साल, नई किस्मत: बस करें ये उपाय और जीवन में भर जाएंगी खुशियाँ

नई दिल्ली 
नए साल का आगाज हमेशा उम्मीदों, संकल्पों और नई सकारात्मक शुरुआतों के साथ होता है। हर कोई चाहता है कि आने वाला वर्ष उसके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आए। ज्योतिष और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, यदि साल शुरू होने से पहले ही कुछ सरल और रोजमर्रा की आदतों को अपनाया जाए, तो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और कई तरह के शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।

सुबह की शुरुआत बदलेगी भाग्य
कहा जाता है कि सुबह का पहला कदम पूरे दिन की दिशा तय करता है। इसलिए रोज़ सुबह उठते ही अपने ईष्ट देव का ध्यान करें। इसके बाद दोनों हथेलियों को जोड़कर देखें और यह मंत्र जपें-

“कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती,
करमूले स्थितो ब्रह्मा, प्रभाते करदर्शनम्।”
माना जाता है कि इस ‘कर-दर्शन मंत्र’ के जप से दिन की शुरुआत देवी-देवताओं की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा के साथ होती है। मंत्र का उच्चारण करने के बाद हथेलियों को तीन-चार बार चेहरे पर फेरना शुभ माना गया है।
  
घर में तुलसी और दीपक का महत्व
नए साल से पहले घर में एक तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। शाम के समय तुलसी के पास और घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाने की परंपरा पुरानी है। मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शांति तथा पवित्रता बनी रहती है। यह छोटी-सी आदत घर-परिवार में सुख-समृद्धि लाने वाली मानी जाती है।

इस तरह दूर करें नेगेटिविटी
यदि घर के वातावरण में बेचैनी या नकारात्मकता महसूस हो रही हो, तो पानी में थोड़ा नमक मिलाकर पोछा लगाना लाभदायक माना जाता है। यह उपाय वास्तु दोष को भी कम करने में सहायक बताया गया है।

इसके अलावा रोजाना घर में धूप, कपूर या गूगल की धूनी देने से भी वातावरण शुद्ध होता है। कोनों में समुद्री नमक या फिटकरी रखना और कुछ दिनों में बदल देना भी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाला उपाय माना जाता है।

सुबह करें इन मंत्रों का जप
स्नान के बाद कुछ विशेष मंत्रों का जप करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है।

1. गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
2. वासुदेव मंत्र
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
3. भूमि वंदना मंत्र
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे।।
माना जाता है कि इन मंत्रों का नियमित जप साधक के जीवन में संतुलन, शांति और सकारात्मकता लाता है।

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