दम घोंटती दिल्ली: साल की सबसे जहरीली हवा, AQI 430 पार, राहत की उम्मीद धुंधली

Dec 13, 2025 - 16:14
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दम घोंटती दिल्ली: साल की सबसे जहरीली हवा, AQI 430 पार, राहत की उम्मीद धुंधली

नई दिल्ली
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गई है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली का AQI 431 के अंक पर पहुंच गया है। यह इस साल का सबसे खराब AQI है। इससे पहले नवंबर महीने में तीन दिन ऐसे रहे थे जब सूचकांक 400 से ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में रहा हो। अब गंभीर श्रेणी वाला यह चौथा दिन है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का एक्यूआई 400 से ऊपर बना हुआ है।

दिल्ली में AQI का यह सबसे खराब स्तर है। इससे पहले दिल्ली में 11 नवंबर को AQI 428 अंक पर था। यह इस साल का सबसे ज्यादा प्रदूषित दिन था लेकिन आज के आंकड़े ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। शनिवार को 431 AQI के साथ दिल्ली वालों को साल की सबसे ज्यादा जहरीली हवा का सामना करना पड़ा। दिल्ली में 12 नवंबर को सूचकांक 418 और 13 नवंबर को सूचकांक 404 के अंक पर रहा था। यानी गंभीर श्रेणी वाली हवा का यह इस साल में चौथा दिन है।

15 इलाकों में AQI 450 से ज्यादा
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI 400 अंकों के पार रिकॉर्ड किया गया। शाम को चार बजे दिल्ली के 15 इलाकों में तो एक्यूआई 450 से ज्यादा रहा। एक्यूआई 401 से 450 तक के AQI को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है जबकि 451 से 500 तक के सूचकांक को गंभीरतम श्रेणी में रखा जाता है।

24 घंटे के भीतर 82 अंकों की बढ़ोतरी
एक दिन पहले शुक्रवार को दिल्ली में एक्यूआई 349 के अंक पर था। बीते 24 घंटों के भीतर इसमें 82 अंकों की तेज बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली के वायु मंडल पर धूल और धुएं की एक परत छाई हुई है।

राहत के नहीं आसार
दिल्ली में हवा की रफ्तार आमतौर पर दस किलोमीटर प्रति घंटे से कम है। साथ ही ठंड बढ़ने से पलूशन के कण ज्यादा देर तक वायु मंडल में बने हुए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अगले तीन-चार दिनों के बीच दिल्ली के लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है।

इन वजहों से बढ़ा पलूशन
विशेषज्ञों की मानें तो हवा की रफ्तार कम होने, धूल और धुएं के चलते प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी है। वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, सड़क और निर्माण से उड़ने वाली धूल, ठोस कचरा और बायोमास जलाने से भी पलूशन में बढ़ोतरी हुई है। बड़ा कारण यह कि हवा की स्पीड धीमी है। इससे पलूशन के कणों का बिखराव नहीं हो पा रहा है।

सवा चार गुना ज्यादा पलूशन
दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को तीन बजे पीएम 10 का औसत स्तर 425 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 258 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है। इस तरह दिल्ली की हवा में मानकों से सवा चार गुना ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं।

 

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