पढ़ाई ठीक से करना है न… मोबाइल ज्यादा नहीं देखना: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

Jun 30, 2025 - 06:14
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पढ़ाई ठीक से करना है न… मोबाइल ज्यादा नहीं देखना: मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय

पढ़ाई ठीक से करना है न… मोबाइल ज्यादा नहीं देखना: मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय 

मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को मोबाइल ज्यादा नहीं देखने और पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने को कहा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय नन्हें बच्चों के बीच बैठकर स्मार्ट क्लास-रूम से हुए रू-ब-रू

रायपुर

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय  जशपुर जिले के कांसाबेल के बगिया हाईस्कूल में नन्हें बच्चों के बीच बैठकर स्मार्ट क्लास-रूम से रू-ब-रू हुए। वे ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल’ कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान  कक्षा तीसरी और चौथी की बालिकाओं के बीच बैठे और बड़ी आत्मीयता से उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछा। 

मुख्यमंत्री श्री साय ने बगिया में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली डॉली गुप्ता से उसका और उसके गांव का नाम पूछकर दुलारते हुए कहा, “पढ़ाई ठीक से करना है न… मोबाइल ज्यादा नहीं देखना”। उन्होंने सभी बच्चों को मोबाइल ज्यादा नहीं देखने और पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने को कहा।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार संपर्क फाउंडेशन के सहयोग से जशपुर जिले के 50 प्राथमिक शालाओं में ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ कार्यक्रम संचालित कर रही है। शासकीय स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने और कक्षा में सीखने की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत संपर्क फाउंडेशन सभी स्कूलों को निःशुल्क टीवी सेट और सम्पर्क टीवी स्मार्ट स्कूल किट प्रदान करेगा। राज्य शासन की इस पहल से करीब 3200 बच्चों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इन स्कूलों में कार्यरत 120 शिक्षकों को टीचिंग-लर्निंग मटेरियल्स उपलब्ध कराने के साथ ही संपर्क की प्रभावी शिक्षण पद्धति का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बगिया में ‘सम्पर्क स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक’ के शुभारंभ की सराहना करते हुए कहा कि  हमारा उद्देश्य बच्चों के सीखने की क्षमता को बढ़ाना है। ‘स्मार्ट स्कूल्स, स्मार्ट ब्लॉक्स’ कार्यक्रम स्कूलों में पढ़ना और पढ़ाना आसान बनाएगा। यह पहल बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करेगी। यह शिक्षकों को प्रशिक्षित कर शिक्षण प्रक्रिया को व्यवस्थित और सरल बनाएगी, जिससे क्लास-रूम में पढ़ाई बच्चों के लिए आनंददायक बन सके। ये संसाधन वैश्विक शिक्षण पद्धतियों पर आधारित हैं, जो एससीईआरटी (SCERT) और निपुण भारत (NIPUN Bharat) के लक्ष्यों के अनुरूप है।

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