बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर फर्जीवाड़े के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई

भोपाल
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। बीयू से संबद्ध 45 निजी कॉलेजों द्वारा प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर किए जा रहे फर्जीवाड़े को लेकर उनकी संबद्धता समाप्त भी की जा सकती है। इसमें राजधानी के 10 निजी कॉलेजों के भी नाम हैं। इसमें एमके पोंडा कॉलेज, आइएसकाम कॉलेज, आनंद विहार महिला कॉलेज, राजीव गांधी विधि कॉलेज, टीआइटी कॉलेज, राजगढ़ का आदर्श महाविद्यालय सहित अन्य बीएड, एमबीए और विधि पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कॉलेज हैं, जो प्रोफेसरों की भर्ती में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
बता दें कि बीयू प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसने निजी कालेजों से फैकल्टी का डेटा वेबसाइट पर अपलोड कराया। इसके बाद कालेजों द्वारा यह फर्जीवाड़ा सामने आया कि एक प्रोफेसर का नाम दो कॉलेज में है। वहीं कुछ प्रोफेसर उस कॉलेज में पढ़ा नहीं रहे हैं, लेकिन उनका नाम फैकल्टी की सूची में दर्ज है। इसके लिए बीयू ने न्यायाधिकरण भी गठित किया।
इसके अध्यक्ष डॉ. एसके मल्होत्रा ने करीब 20 कॉलेजों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। इसका निराकरण करने के लिए दो दिन सुनवाई हुई है। इसमें करीब 10 कॉलेज उपस्थित नहीं हुए। बीयू ने उन्हें नोटिस देकर जवाब-तलब किया है। अगर ये कॉलेज उचित जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए संबद्धता समाप्त होने के साथ ही उच्च शिक्षा विभाग से उनके खिलाफ मान्यता खत्म करने की अनुशंसा की जाएगी।
इस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ
कई कालेजों में विद्यार्थी का नाम फैकल्टी की सूची में शामिल है।
एक प्रोफेसर का नाम तीन कॉलेज में दर्ज है।
साक्षात्कार में बुलाए गए प्रोफेसरों के दस्तावेजों का भी फैकल्टी के रूप में उपयोग किया जा रहा है।
जो प्रोफेसर कुछ समय पहले कॉलेज छोड़ चुके हैं, इसके बावजूद उनका नाम कॉलेज की फैकल्टी सूची में दर्ज है।
कुछ कॉलेज फैकल्टी की सूची में प्रोफेसरों के नाम दर्ज किए हैं, वे पढ़ा रहे हैं, लेकिन उनको वेतन नहीं दिया जा रहा है।
निजी कॉलेज यूजीसी गाडडलाइन के मुताबिक फैकल्टी को वेतन नहीं दे रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर लगाए आरोप
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भाजपा सरकार पर घोटालों का आरोप लगाते एक्स पर पोस्ट किया है कि मध्य प्रदेश में प्रतिदिन एक नया घोटाला सामने आता है। अब तो इतने घोटाले हो चुके हैं कि प्रदेश में अलग से घोटाला जांच आयोग की स्थापना कर देनी चाहिए। बस इतनी सावधानी जरूर रखी जाए कि इस आयोग के गठन में ही घोटाला न हो जाए। उन्होंने लिखा है कि घोटाला जांच आयोग की बात इसलिए कह रहा हूं कि नर्सिंग कॉलेज घोटाले के बाद अब बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में फैकल्टी भर्ती में घोटाला सामने आया है। एक ही व्यक्ति को कई-कई कालेजों में नियुक्त दिखाया जा रहा है।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न एजुकेशन, मैनेजमेंट, ला और फिजिकल एजुकेशन कालेजों में फर्जी नियुक्ति के कई मामले सामने आए हैं। जिन कालेजों ने फर्जी फैकल्टी दिखाई है, असल में वहां पढ़ाई कैसे होती होगी? क्या इस तरह के कालेजों से पढ़े छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा रहा है? प्रदेश में चाहे नर्सिंग कॉलेज हो, पटवारी भर्ती हो, चाहे आरक्षक भर्ती हो, हर जगह किसी की जगह कोई दूसरा व्यक्ति या तो परीक्षा दे देता है या फिर नौकरी करने लगता है? ऐसा लगता है जैसे प्रदेश में घोटाले का एक पूरा तंत्र काम कर रहा है।
कॉलेजों की संबद्धता होगी समाप्त
वहीं इस फर्जीवाड़े को लेकर बीयू के कुलगुरु एसके जैन का कहना है कि फर्जीवाड़ा करने वाले निजी कॉलेजों की संबद्धता समाप्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। दोबारा फर्जीवाड़ा करने वाले निजी कालेजों के खिलाफ एफआइआर तक दर्ज कराई जाएगी।
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