कनाडा की अपनी रिपोर्ट ने खोली पोल, खालिस्तानी संगठनों को मिल रही आर्थिक मदद

Sep 6, 2025 - 09:14
 0  6
कनाडा की अपनी रिपोर्ट ने खोली पोल, खालिस्तानी संगठनों को मिल रही आर्थिक मदद

ओटावा

खालिस्तानी आतंकियों की फंडिंग को लेकर कनाडा सरकार की अपनी ही नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि खालिस्तानी हिंसक उग्रवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन समेत कई आतंकी संगठनों को कनाडा से आर्थिक सहायता मिल रही है। यह जानकारी हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट “2025 असेसमेंट ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एंड टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क्स इन कनाडा” में सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में आपराधिक संहिता के अंतर्गत सूचीबद्ध कुछ आतंकवादी संगठन जैसे हमास, हिजबुल्लाह और खालिस्तानी चरमपंथी संगठन, राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद (PMVE) श्रेणी में आते हैं और इन्हें कनाडा से वित्तीय सहयोग प्राप्त होता रहा है।
खालिस्तानी नेटवर्क और फंडिंग के तरीके

रिपोर्ट में कहा गया है कि खालिस्तानी संगठन भारत के पंजाब में स्वतंत्र राज्य बनाने के लिए हिंसक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हें कनाडा समेत विभिन्न देशों में मौजूद समर्थकों से धन जुटाने में मदद मिलती है।

रिपोर्ट ने यह भी स्वीकार किया कि पहले कनाडा में इनका बड़ा फंडिंग नेटवर्क सक्रिय था, लेकिन अब यह ऐसे छोटे-छोटे समूहों और व्यक्तियों के माध्यम से संचालित हो रहा है, जिनकी निष्ठा खालिस्तान आंदोलन के प्रति है, भले ही वे किसी विशेष संगठन से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े न हों।
एनपीओ और चैरिटेबल संगठनों के जरिए धन जुटाना

जांच में पाया गया है कि इन आतंकी संगठनों ने धन जुटाने के लिए गैर-लाभकारी संस्थाओं (NPOs) और चैरिटेबल संगठनों का भी इस्तेमाल किया है। रिपोर्ट के अनुसार, “हमास और हिजबुल्लाह लंबे समय से चैरिटेबल और NPO सेक्टर के दुरुपयोग के लिए कुख्यात रहे हैं। इसी तरह खालिस्तानी चरमपंथी संगठनों ने भी प्रवासी समुदायों से चंदा के जरिए धन इकट्ठा करने और उसे ट्रांसफर करने के लिए ऐसे नेटवर्क का सहारा लिया है।”

हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कनाडा में अधिकांश NPOs में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग का खतरा शून्य है, लेकिन कुछ संस्थाओं के मामले में यह जोखिम अधिक हो सकता है।
भारत-कनाडा संबंध

खालिस्तानी उग्रवाद का उल्लेख ऐसे समय पर हुआ है जब भारत और कनाडा के रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल रहा है। मार्क कार्नी की सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों देशों ने हाल ही में एक-दूसरे के लिए नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की है।

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में रिश्ते गहरे संकट में आ गए थे, जब उन्होंने भारत पर कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्त होने का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच कई उच्च-स्तरीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया था। नई रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी तत्व अब भी प्रवासी सिख समुदाय और गैर-लाभकारी संगठनों के जरिए अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0