बच्चे के जन्म के बाद उसके नामकरण में ज्यादा वक्त न लगाए, हॉस्पिटल से छुट्टी के पहले उसका नामकरण कर लें

Jun 25, 2025 - 03:44
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बच्चे के जन्म के बाद उसके नामकरण में ज्यादा वक्त न लगाए, हॉस्पिटल से छुट्टी के पहले उसका नामकरण कर लें

भोपाल
 बच्चे के जन्म के बाद उसके नामकरण में ज्यादा वक्त न लगाएं. हॉस्पिटल से छुट्टी के पहले उसका नामकरण कर लें. हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र में पसीना बहाना होगा. आर्थिक सांख्यिकीय विभाग ने सरकारी हॉस्पिटल से प्रसूता माताओं और नवजात के छुट्टी मिलने से पहले जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं. ऐसा न करने पर परिजनों को इसके लिए 1 हजार रुपए का शुल्क का भुगतान करना होगा.

विभाग ने सभी कलेक्टरों को दिए निर्देश

बच्चे के जन्म के बाद परिजन नामकरण के लिए लंबे समय तक विचार करते रहते हैं. ऐसी स्थिति में कई बार परिजन बच्चे का शुरूआत में कुछ भी नाम रखकर उसका जन्म प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं और बाद में उसे बदलवाने की प्रक्रिया करते हैं. या फिर आखिरी समय बच्चे का नाम बताते हैं, इससे जन्म प्रमाण पत्र के लिए उन्हें बाद में परेशान होना पड़ता है. इसको देखते हुए आर्थिक सांख्यिकी विभाग में मुख्य रजिस्ट्रार जन्म-मृत्यु एवं आयुक्त ऋषि गर्ग ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं.

बच्चे के जन्म के तुरंत बाद बनवाएं सर्टिफिकेट

उन्होंने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र शिशु की मां को हॉस्पिटल की छुट्टी के पहले ही हर हाल में दे दिया जाएगा. परिजनों को प्रोत्साहित किया जाए कि जन्म के साथ ही बच्चे के नाम का पंजीयन करा लिया जाए और तत्काल उनका जन्म प्रमाण पत्र बनाकर छुट्टी के पहले मां को प्रमाण पत्र दे दिया जाए.

देरी पर 1 हजार तक देना होगा शुल्क

समय पर जन्म प्रमाण पत्र न बनवाने पर बाद में परिजनों को इसके लिए 1 हजार रुपए तक का शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है. सरकारी अस्तपाल में जहां हॉस्पिटल में ही जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं, वहीं निजी हॉस्पिटल में बच्चे के जन्म के बाद बर्थ सर्टिफिकेट संबंधित निकाय से बनवाना होगा. इसे ऑनलाइन भी बनवाने के लिए आवेदन किया जा सकता है. बर्थ सर्टिफिकेट के लिए समय सीमा तय की गई है. इसके लिए 21 दिन तक का समय मिलेगा. इसके ज्यादा दिन बीतने के बाद शुल्क बढ़ता जाता है, जो 20 रुपए से लेकर 1 हजार रुपए तक हो सकता है.

जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र के फर्जी पोर्टल से बचें

उधर प्रदेश में जन्म एवं मृत्यु प्रमाण प्रमाण-पत्र को लेकर भी जालसाज फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आ रहे. आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के फर्जी पोर्टल और वेबसाइट से लोगों को जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर दिए जा रहे हैं. इस तरह के मामले सामने आने के बाद विभाग ने लोगों को दलालों से बचने की अपील की है. विभाग के आयुक्त ऋषि गर्ग के मुताबिक इस तरह के मामले सामने आए हैं, इसको देखते हुए लोगों से अपील की जा रही है कि वे जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन लॉगिन करें.

इस तरह खुद करें आवेदन

    जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने के लिए https://dc.crsorgi.gov.in/crs/web/index.php पर लॉगिन कर बनवाया जा सकते हैं.

    यदि ऑनलाइन आवेदन में कोई समस्या आ रही हो, तो जिस स्थान पर जन्म-मृत्यु हुई हो, तो उससे जुडे़ अस्पताल में आवेदन कर सकते हैं.

    यदि जन्म-मृत्यु किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई हो, तो वहां के नगर पालिका निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत में इसके लिए आवेदन करना होगा.

    विभाग द्वारा जारी वेबसाइट के अलावा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा किसी दूसरी वेबसाइट पर आवेदन न करें.

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